नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी संगठन (right wing organization) देश के हर संस्थान में अपने लोगों को बिठा रहा है। लद्दाख (Ladakh) में कथित तौर पर एक सार्वजनिक संवाद (public speaking) की एक वीडियो क्लिप में उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री (Union Cabinet Minister) फैसले नहीं ले रहे हैं, बल्कि आरएसएस के एक सज्जन हैं, जो यह तय कर रहे हैं कि मंत्रालय में क्या होना चाहिए।
आरएसएस को व्यापक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वैचारिक शाखा माना जाता है, और विपक्ष अक्सर उनके बीच समानताएं बताता रहा है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आरएसएस ही देश में सब कुछ चला रहा है। पूर्व कांग्रेस प्रमुख का सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, ‘यहां तक कि अगर आप केंद्र सरकार के किसी भी मंत्री से पूछेंगे तो वे आपको बताएंगे कि वे हकीकत में अपने मंत्रालय को नहीं चला रहे हैं। आरएसएस द्वारा नियुक्त लोग ही वास्तव में इन मंत्रालयों को चला रहे हैं और सब कुछ सुझा रहे हैं।’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इससे पहले केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि आरएसएस-भाजपा की विचारधारा हर घर में राष्ट्रीय तिरंगा फहराने का अभियान इसलिए चला रही है, क्योंकि उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए भारत छोड़ो आंदोलन का समर्थन नहीं किया था। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा था कि भाजपा और इसके मातृ संगठन आरएसएस की विचारधारा से जुड़े लोगों ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए जा रहे भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था। इस तथ्य के बावजूद कि वे हर घर में राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, भाजपा-आरएसएस अब नया भारत छोड़ो आंदोलन चला रहे हैं जहां उद्योगपतियों को बैंक में धोखाधड़ी करने के बाद देश छोड़ने की अनुमति है।
अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के गठन के बाद से राहुल गांधी का पहला लद्दाख दौरा है। उन्होंने लेह में आयोजित एक कार्यक्रम में युवाओं के साथ भी बातचीत की। राहुल गांधी ने कहा, भारत को 1947 में आजादी मिली और देश को मजबूत करना ही संविधान है। संविधान नियमों का एक समूह है..जिस तरह से आप संविधान को क्रियान्वित करते हैं, वह उन संस्थानों की स्थापना करके होता है, जो संविधान के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं। भाजपा और आरएसएस अपने लोगों को संस्थागत ढांचे के प्रमुख पदों पर बिठा रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved