नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और कांग्रेस के बीच की बातें धीरे-धीरे सामने आने लगी हैं। कांग्रेस ने प्रशांत किशोर (PK) को मन मुताबिक संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की पूरी आजादी देने से इनकार कर दिया तो प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस में शामिल होने के सोनिया गांधी के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। अब माना जा रहा हैं कि अब प्रशांत किशोर का अगला सियासी पड़ाव क्या होगा और 2024 में अपने फॉर्मूला का वो कैसे प्रयोग करेंगे?
बताया जा रहां है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कांग्रेस (Congress) में शामिल होने के लिए जो पेशकश पार्टी की ओर से की गई थी, वो ठुकरा दी थी। सूत्रों ने आज कहा, राहुल गांधी ने पहले दिन ही ये भविष्यवाणी कर दी थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे। कई नेताओं को ऐसा लगता था कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर दूसरी पार्टी से फायदा उठाने के लिए कांग्रेस का इस्तेमाल करना चाहते हैं। प्रशांत किशोर से जुड़े सूत्रों ने कहा, संदेह औऱ गलतफहमियां दोनों ओऱ थीं।
सूत्रों का कहना है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर या पीके को एंपावर्ड एक्शन कमेटी में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने ये पेशकश ठुकरा दी।
हालांकि प्रशांत किशोर के इनकार के बाद भी कांग्रेस ने आज कहा, हमारे दरवाजे और खिड़कियां हर किसी के लिए खुले हुए हैं। पी. चिदंबरम ने कहा, पीके को कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव एक दिन पहले ही दिया गया था और उन्होंने मना कर दिया, हम नहीं जानते क्यों। पीके के प्रजेंटेशन और डेटा एनालिसिस की तारीफ करते हुए चिदंबरम ने कहा, कुछ कार्यवाही योग्य सिफारिशों को अमलीजामा पहनाया जा सकता है।
विदित हो कि प्रशांत किशोर की पहचान एक नेता की नहीं बल्कि चुनावी मैनेजर की रही है। प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक ने पीएम मोदी के लिए 2014 में चुनावी प्रचार की कमान संभाली थी. बीजेपी के चुनाव प्रचार को ‘मोदी लहर’ में तब्दील करने का श्रेय पीके को जाता है।
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