नई दिल्ली । वक्फ बिल (Wakf Bill) पर लोकसभा (Lok Sabha) में जारी बहस के बीच नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों (Muslims) को हाशिए पर धकेलने और उनके निजी कानूनों और संपत्ति के अधिकारों को हड़पने के उद्देश्य से बनाया गया एक हथियार है।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है।कांग्रेस पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है क्योंकि यह भारत के मूल विचार पर हमला करता है और अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी वक्फ बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का वक्फ (संशोधन) विधेयक पूरी तरह से असंवैधानिक है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को कमजोर करता है और व्यक्तिगत कानूनों को राज्य के नियंत्रण में लाने का प्रयास करता है। बीजेपी, जो लंबे समय से अल्पसंख्यकों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानती रही है, अब इस विधेयक के जरिए उनकी संपत्तियों को निशाना बना रही है। कांग्रेस पार्टी इस विभाजनकारी आरएसएस/बीजेपी एजेंडे का विरोध करेगी जो देश के कानून के खिलाफ है।
वहीं, कांग्रेस के गौरव गोगोई ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू द्वारा सदन में विधेयक को चर्चा करके पारित करने के लिए प्रस्ताव पर बहस शुरु करते हुए कहा था कि विपक्ष भी चाहता है कि कानून में आवश्यक संशोधन हो, लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है और विभाजन की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वक्फ विधेयक को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है। देश का संविधान हर व्यक्ति को बराबरी, मौलिक अधिकारों की रक्षा, संघीय ढांचे की सुरक्षा और राष्ट्र की अखंडता सुनिश्चित करने की बात करता है, लेकिन सरकार का वक्फ विधेयक संविधान पर आक्रमण है और भ्रम फैलाकर समाज को विभाजित कर वोट बैंकं की हिफाजत करना है।
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