नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोप कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi) की कश्मीर नीतियां पाकिस्तान और चीन (Pakistan & China) को करीब लायी थीं, पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि कांग्रेस नेता को देश का इतिहास नहीं पता है और उन्हें संसद में बयान नहीं देना चाहिए था। दरअसल, अमित शाह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे।
अमित शाह ने कहा, राहुल गांधी इस देश का इतिहास नहीं जानते, उन्हें नहीं मालूम कि 1962 में क्या हुआ और किसकी वजह से हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने चीन की हर चुनौती का कड़ा जवाब दिया है। राहुल गांधी ने 3 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण (President’s Address) पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान लोकसभा में यह बयान दिया था। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा की है। मुझे नहीं लगता कि किसी भी राष्ट्रीय नेता को पड़ोसी देशों के बारे में इस तरह के बयान देने चाहिए।
उन्होंने कहा मैं उनसे पूछना चाहता हूं, आप संसद में यह सब कह रहे हैं, लेकिन आप एक चीनी प्रतिनिधिमंडल (Chinese delegation) से मिलने के लिए सभी प्रोटोकॉल तोड़ते हैं। आप उनके साथ क्या चर्चा करते हैं। इस तरह के बयान दिखाते हैं कि गंभीर राजनेताओं की कमी है।” केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार प्रतिबंधित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) और अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कथित संबंधों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के आरोपों को हल्के में नहीं लेगी।
चन्नी ने अमित शाह को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि उन्हें एसएफजे से एक पत्र मिला है, जिससे पता चलता है कि यह समूह AAP के साथ लगातार संपर्क में है। पंजाब के सीएम ने दावा किया कि एसएफजे के पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि संगठन ने 2017 के पंजाब चुनावों में आप को समर्थन दिया था और मौजूदा चुनावों में भी ऐसा करना जारी रखे हुए था। चन्नी को वापस लिखते हुए शाह ने कहा था, भारत सरकार ने मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और मैं खुद इस मामले को गहराई से देखूंगा। शाह ने नेटवर्क18 को बताया, किसी भी पार्टी का अलगाववादी समूह से जुड़ाव और चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल एक गंभीर मुद्दा है। कोई भी सरकार इसे हल्के में नहीं लेगी। हम इसकी जांच करेंगे। अगर कोई सीएम आपको लिखता है, तो आप इसे हल्के में नहीं ले सकते। बाकी हम जांच के बाद पता लगाएंगे।
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