नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी स्वायत्त संस्था ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। हांलाकि उसने राहुल गांधी का नाम तक नहीं लिया है। विद्या भारती (Vidya Bharti’s) के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीराम अरावकर (Shriram arabkar) ने जारी बयान में कहा कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की योजना से देशभर में जो विद्यालय संचालित किये जाते हैं, उनमें दी जाने वाली संस्कारक्षम शिक्षा की प्रशंसा समय-समय पर देश के प्रसिद्ध शिक्षाविदों, समाजसेवियों आदि ने भी की है। विद्या भारती ने अपने बयान में आगे कहा कि जाति, मत, पंथ, सम्प्रदाय के भाव से ऊपर उठकर देशभक्त और समाज के प्रति समर्पण का भाव रखने वाली संस्कारक्षम पीढ़ी का निर्माण करना हमारा लक्ष्य है। न्यूनतम शुल्क में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ-साथ बालक-बालिकाओं के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती कटिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने अर्थशास्त्री कौशिक बसु से वर्चुअल बातचीत में रा.स्व.संघ की आलोचना करते समय उस पर भारत की शिक्षा व्यवस्था कब्जाने का आरोप लगाया था। राहुल ने संघ से प्रेरित स्कूलों की तुलना पाकिस्तान में जिहादी पाठ पढ़ाने वाले मदरसों से कर दी थी। राहुल गांधी ने कहा था कि इस्लामवादी अपने मदरसों का इस्तेमाल करते हैं, काफी कुछ उसी तरह आरएसएस अपने स्कूलों में एक खास तरह की दुनिया दिखाता है। कोई ये नहीं पूछता कि आरएसएस को पैसा कहां से मिलता है? सैकड़ों-हजारों स्कूल चलाने के लिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की इस बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। राजनीतिक विरोधियों सहित सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन उन्हें आईना दिखाने में लगे हैं। आदर्श भारतीय शिक्षा व्यवस्था की मदरसों से तुलना किए जाने पर विद्या भारती ने कहा कि सामाजिक समरसता, सर्वपंथ समभाव तथा सभी विचारों का आदर एवं सम्मान पर हमारे विद्यालयों में विशेष आग्रह है। हमारे विद्यालयों में मुस्लिम एवं ईसाई वर्ग के लगभग 80,000 छात्र शिक्षा ले रहे हैं, जिन्होंने न केवल शैक्षिक दृष्टि से प्राविण्य सूची में भी उत्कर्ष स्थान प्राप्त किये हैं, वरन् अनेक छात्रों ने खेलों के क्षेत्र में भी अपने परिवार एवं विद्यालय को गौरवान्वित किया है।
विद्या भारती ने कहा कि संस्थान के योजनान्तर्गत चलने वाले सभी विद्यालय पंजीकृत लोकन्यासों अथवा पंजीकृत समितियों द्वारा संचालित किये जाते हैं, जिनका प्रतिवर्ष नियमानुसार आर्थिक अंकेक्षण करवाया जाता है तथा नियमानुसार इनके निर्वाचन भी करवाए जाते हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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