नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने बुधवार को कहा कि गुजरात (Gujarat) में पार्टी कार्यकर्ता भले ही हतोत्साहित दिख रहे हैं, लेकिन केवल उनकी पार्टी ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा (Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) and BJP) को हरा सकती है। गांधी ने अपनी ही पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि सीनियर नेता बने घूम रहे हैं, लेकिन कई बूथ नहीं जितवा पाते। कई ऐसे भी लोग हैं, जो बीजेपी के साथ मिले हुए हैं, उनको हमें पहचान कर प्यार से परे करना है। हिंसा से नहीं, नफरत से नहीं, प्यार से। उनसे कहना है कि- भैया.. साइड हो जाइए, दूसरों को आगे जाने दीजिए।
एक सप्ताह में गुजरात की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद ने राज्य में संगठन को नया रूप देने के लिए रोडमैप पेश किया और पार्टी के उन नेताओं को हटाने का वादा किया जो या तो निष्क्रिय हैं या भाजपा के लिए काम करते हैं। राहुल गांधी ने कहा, ”बैठक में एक अच्छी बात मुझसे कही गई कि अलग-अलग सीनियर नेता आते हैं तो जादू से हर जिले में लोग दो-तीन दिन के लिए बाहर आ जाते हैं और फिर जाने पर वापस गायब हो जाते हैं। लेकिन इनके पास कोई पकड़ नहीं होती।” राहुल ने सवाल उठाते हुए कहा कि सीनियर नेता बने घूम रहे हैं, लेकिन बूथ नहीं जिता पाते। हम उन लोगों को ताकत देना चाहते हैं, जिनकी पकड़ बूथ से है और लोकल हैं। जो जनता की समस्याओं को उठाते हैं, उन्हें हम ताकत देना और आगे बढ़ाना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, ”गुजरात में आप कांग्रेस के लिए लड़ते हो, मैं समझता हूं यह आसान नहीं है। शायद पूरे देश में आपको सबसे ज्यादा सहना पड़ता है। आप धमकियां खाते हैं, लाठी खाते हैं, लेकिन कांग्रेस का झंडा नहीं छोड़ते हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जहां भी जरूरत होगी मेरी, मैं वहां हाजिर होऊंगा। नई जेनरेशन को हमें कांग्रेस पार्टी में लाना है। जो जनता से जुड़े लोग हैं, उन्हें आगे बढ़ाना है।”
गुजरात में 2027 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। एक एआईसीसी पर्यवेक्षक और चार राज्य पर्यवेक्षकों समेत पांच सदस्यों वाली एक समिति गुजरात में पार्टी की 41 जिला इकाइयों (आठ शहरों समेत) में से प्रत्येक के लिए नए प्रमुखों की नियुक्ति की प्रक्रिया की देखरेख करेगी, जिसकी शुरुआत अरवल्ली जिले से होगी। अपने संबोधन में गांधी ने कार्यकर्ताओं से कई वादे किए जैसे कि जिला इकाइयों को अधिक शक्ति एवं धन उपलब्ध कराना, वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का आकलन करना, जमीनी स्तर पर सक्रिय पदाधिकारियों को बढ़ावा देना और उन नेताओं को हटाना जो या तो निष्क्रिय हैं या भाजपा के लिए काम कर रहे हैं।
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