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    राहुल गांधी का बड़ा आरोप, कहा- PM मोदी ने ‘बिना लड़ाई चीन को दी 1000 वर्ग किमी जमीन

  • September 14, 2022

    नई दिल्ली। कई दौर की बैठक के बाद आखिरकार भारत (india) और चीन (china) की सेनाओं (armies) ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र (Gogra-Hotsprings region in eastern Ladakh) में अपनी सेनाओं की वापसी की. एक दिन बाद ही राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चीन सीमा विवाद के मामले में भारत सरकार (Indian government) से सवाल किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि चीन ने अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने की भारत की मांग को मानने से इनकार कर दिया है. पीएम (PM) ने बिना किसी लड़ाई के चीन को 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन दी है. उन्होंने आगे ट्वीट करते हुए लिखा है कि क्या भारत सरकार बता सकती है कि इस क्षेत्र को कैसे पुनः प्राप्त किया जाएगा?

    राहुल गांधी इस वक्त भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। उनकी ये यात्रा अभी दक्षिण भारत के राज्यों में चल रही है. राहुल गांधी केंद्र सरकार पर चीन मामले में लगातार सवाल करते आ रहे हैं. राहुल ने इससे पहले भी केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत सरकार ने अपनी जमीन चीन को दे दी। मंगलवार को देशों की सेनाओं ने टकराव वाले बिंदु से अपने सैनिकों को वापस हटाने और अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म किया. सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया।


    टकराव वाले बिंदू से पीछे हटीं सेनाएं
    दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने उस टकराव वाले बिंदु से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया के समापन के बाद एक बैठक की जहां दोनों पक्षों में दो साल से अधिक समय से गतिरोध था. हालांकि दोनों पक्ष गश्त चौकी15 (पीपी-15) से पीछे हट गए हैं लेकिन डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को दूर करने में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है. भारत और चीन की सेनाओं ने एक बड़े घटनाक्रम के तहत आठ सितंबर को घोषणा की थी कि उन्होंने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी)-15 क्षेत्र से पीछे हटना शुरू कर दिया है।

    बातचीत के 16वें दौर में बनी बात
    दोनों सेनाओं ने 8 सितंबर को प्रक्रिया की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा था कि गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र से सैनिकों का पीछे हटना जुलाई में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के 16वें दौर का परिणाम है. शुरुआत में, प्रत्येक पक्ष के लगभग 30 सैनिक पीपी-15 क्षेत्र में आमने-सामने की स्थिति में थे, लेकिन क्षेत्र की समग्र स्थिति के आधार पर सैनिकों की संख्या बदलती रही. भारत लगातार यह कहता रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

    2020 से चल रहा है विवाद
    पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिक और भारी हथियारों की तैनाती कर दी. कई दौर की सैन्य और राजनयिक वार्ता के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी. पैंगोंग झील क्षेत्र से पीछे हटने की प्रक्रिया पिछले साल फरवरी में हुई थी, जबकि गोगरा में पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 (ए) क्षेत्र से सैनिकों और उपकरणों की वापसी पिछले साल अगस्त में हुई थी।

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