मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी कहे जानी वाली मुंबई (Mumbai) में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की दो दिवसीय बैठक चल रही है। यह बैठक गुरुवार (31 अगस्त) को शुरू हुई। इसके साथ ही देश का सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को मुंबई में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani ) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर जमकर निशाना साधा। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र (Maharashtra) इकाई ने गौतम अदाणी और पीएम मोदी पर उनकी कथित निकटता को लेकर राहुल गांधी के हमले पर पलटवार किया और इसे “बचकाना” बताया।
भाजपा ने राहुल गांधी से अदाणी समूह के साथ कांग्रेस सरकारों की पिछली नजदीकियों के बारे में बताने को कहा, जिसमें सत्ता की मदद से बंदरगाहों के लिए दिए गए जमीन भी शामिल हैं, जब 2014 से पहले केंद्र में सबसे पुरानी पार्टी सत्ता में थी।
महाराष्ट्र भाजपा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट में कहा, “बचकाना दिमाग वाले राहुल गांधी को बताना चाहिए कि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार ने अदाणी समूह को प्रमुख जमीन क्यों दिए थे। पिछली कांग्रेस सरकार ने अदाणी समूह को कई पुरस्कार दिए थे, इसकी जानकारी लोगों को दी जानी चाहिए। ममता बनर्जी और उद्योगपति अदाणी एक दूसरे से क्यों मिले? राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गौतम अदाणी के साथ क्या कर रहे हैं? एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने जेपीसी (अदाणी समूह मामलों की जांच) की कांग्रेस की मांग का विरोध क्यों किया, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर आधारित थी? 2013 में महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार ने 660 मेगावाट का तिरोड़ा बिजली संयंत्र अदाणी समूह को क्यों दिया?”
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी से अदाणी समूह के खिलाफ कुछ शीर्ष वैश्विक वित्तीय अखबारों के ताजा आरोपों पर सफाई देने को कहा था और कहा था कि उन्हें इसकी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने का आदेश देना चाहिए क्योंकि देश में जी-20 बैठक से पहले भारत की प्रतिष्ठा दांव पर है। गांधी ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, भारत की प्रतिष्ठा खतरे में है… यह देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और कहना चाहिए कि जेपीसी इसकी जांच करेगी और अदाणी मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जांच होगी।
राहुल गांधी ने कहा, कोई जांच क्यों नहीं की जा रही है? यह बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री अपना रुख स्पष्ट करें और स्पष्ट रूप से बताएं कि क्या हो रहा है। कम से कम जेपीसी की अनुमति दी जानी चाहिए और गहन जांच होनी चाहिए।
राहुल ने कहा, यह देखते हुए कि वैश्विक नेता “प्रधानमंत्री के करीबी” सज्जन के स्वामित्व वाली इस विशेष कंपनी के बारे में सवाल पूछ सकते हैं। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि प्रधानमंत्री जांच के लिए दबाव क्यों नहीं डाल रहे हैं, वह चुप क्यों हैं? वह यह क्यों नहीं कहते कि वह सुनिश्चित करेंगे कि इस मामले की जांच हो और जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए? जी-20 नेताओं के यहां आने से ठीक पहले यह मामला भारतीय प्रधानमंत्री के बारे में बहुत गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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