नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने केरल की वायनाड सीट (Wayanad seat of Kerala) छोड़ने का ऐलान कर दिया है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में राहुल गांधी वायनाड के साथ-साथ रायबरेली (Raebareli along with Wayanad) से भी चुनाव लड़े थे. दोनों ही सीटों पर उन्हें जीत भी मिली है. ऐसे में अब राहुल गांधी ने रायबरेली सीट अपने पास रखी है और वायनाड को छोड़ दिया है. पार्टी ने फैसला किया है कि उपचुनाव में प्रियंका गांधी वायनाड सीट से पहली बार मैदान में उतरेंगी.
वायनाड सीट छोड़ने पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा रायबरेली और वायनाड से इमोशनल कनेक्शन है. पिछले पांच सालों में वायनाड का सांसद था. वहां के सभी लोगों ने, हर पार्टी के लोगों ने प्यार दिया. उसके लिए मैं दिल से धन्यवाद करता हूं. प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन बीच-बीच में मैं भी वहां जाता रहूंगा.
उन्होंने आगे कहा कि वायनाड को लेकर जो वादा हमने किया है उसे पूरा करेंगे. रायबरेली से हमारा पुराना रिश्ता है. काफी खुशी हो रही है कि मैं उनको फिर से रिप्रजेंट करूंगा. मेरे लिए यह आसान निर्णय नहीं था क्योंकि जुड़ाव दोनों जगह से है. वायनाड के लोगों के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे.
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि राहुल गांधी जी दो जगह से जीतकर आए हैं. कानून के तहत उन्हें एक सीट चुनना है और एक खाली करना पड़ेगा. कल आखिरी तारीख है, आज हमने बैठक की है. राहुल गांधी को रायबरेली सीट चुनना चाहिए. वहां से जुड़ाव है, पीढ़ियों से लड़ते आए हैं. पार्टी ने तय किया है कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद रहेंगे और प्रियंका गांधी वहां से उप-चुनाव लड़ेंगी.
राहुल गांधी वायनाड सीट से पहली बार 2019 में चुनाव लड़े थे और उन्हें जीत भी मिली थी. तब अमेठी में राहुल गांधी को बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अमेठी में हार के बाद राहुल गांधी वायनाड सीट से सांसद रहे. अब 2024 के चुनाव में राहुल एक बार फिर से दो सीटों से मैदान में उतरे थे. इसमें एक सीट वायनाड तो दूसरी रायबरेली सीट थी. इस बार राहुल दोनों ही सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रहे. वायनाड की तुलना में राहुल को रायबरेली में ज्यादा बड़ी जीत मिली है.
इससे पहले रायबरेली की सीट कांग्रेस के पास ही थी और सोनिया गांधी सांसद थीं. 2024 के चुनाव से ठीक पहले सोनिया गांधी चुनावी राजनीति से खुद को अलग करते हुए राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गईं. सोनिया गांधी रायबरेली से पांच बार सांसद चुनी गई थीं. 2019 तक रायबरेली की सीट सोनिया गांधी के पास ही रही थी. सोनिया गांधी से पहले भी रायबरेली की सीट पर गांधी परिवार का वर्चस्व रहा था. यही वजह है कि रायबरेली की सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है.
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