दौसा । दौसा में (In Dausa) 19 नवंबर को (On 19th November) राहुल गांधी और सचिन पायलट (Rahul Gandhi and Sachin Pilot) जनसभा को संबोधित करेंगे (Will Address Public Meeting) । गांव-गांव तूफानी दौरे के बाद अब प्रत्याशी वोटों को साधने के लिए बड़े नेताओं की सभा रख रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस की ओर से दौसा में 19 नवंबर को राहुल गांधी की सभा होगी। इसमें राहुल गांधी और स्टार प्रचारक सचिन पायलट आएंगे।
इसी तरह एएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की जनसभा 20 नवंबर को गुप्तेश्वर रोड पर होगी। भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जनसभा कराई जाएगी। इसके लिए 21 या 22 नवंबर की तिथि संभावित है। बीते दिवस सिकराय एवं महुआ में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभा को संबोधित किया है।
जनसभाओं में बड़े नेता अपने भाषणों से वोटरों को कितना साध पाएंगे यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने भाषण में पूर्वी राजस्थान की मुख्य समस्या पेयजल और ईआरसीपी के मुद्दे को छुआ तक नहीं। उनके भाषण में पूर्वी राजस्थान से जुड़े मुद्दों पर एक भी शब्द नहीं रहा।
पूर्वी राजस्थान में मुख्य मुद्दा पानी की समस्या है, मगर नड्डा ने इस समस्या पर बोलना मुनासिब ही नहीं समझा। पूर्वी राजस्थान में सर तन से जुदा जैसे मुद्दों की कोई अहमियत नहीं है, लेकिन नड्डा के भाषण का मूल अंश इन्हीं बिंदुओं को लेकर रहा। मंदिरों पर बुलडोजर चलाना, हिंदू धार्मिक रैलियों और त्योहार की छुट्टियों पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने की बातें ही कहीं।
बीजेपी के संकल्प पत्र को भी दोहराया, लेकिन सोशल मीडिया के मार्फत इसके बारे में सबको पता था। जिसके चलते भीड़ ने नड्डा के भाषण में रुचि नहीं दिखाई। जनसभा में नड्डा अपना भाषण देखकर पढ़ रहे थे जिससे ऐसा लग रहा था की भाषण किसी अन्य के द्वारा तैयार किया गया था। भाषण तैयार करने वाले ने भाषण में पूर्वी राजस्थान के मुद्दों को गौण ही रखा।
बरहाल कारण जो भी रहा हो, लेकिन भीड़ जब राष्ट्रीय नेता को सुनने आती है और भाषण में उनसे जुड़े मुद्दों को गौण कर दिया जाता है तो लोगों की दिलचस्पी नहीं है। दिनभर सभा में व्यस्त रहने वाले सैंकड़ों कार्यकर्ता यदि सभा के बजाय घर-घर जाकर मतदाताओं को साधते तो कुछ वोट प्रत्याशी के पक्ष में जरूर कर पाते।
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