नई दिल्ली। पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अगर भारत सुधारों के लिए तेजी से कदम नहीं उठाता है तो अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीमी पड़ सकती है। सिंगापुर में उन्होंने कहा, विकास की रफ्तार तभी तेज हो सकती है, जब अच्छे सुधार हों।
उन्होंने कहा, भारत में सुधार को लेकर राजनीतिक मतभेद भी होते हैं। इस समय देश में एक ऐसी सरकार है जो आर्थिक सुधारों के लिए कोशिश कर रही है, लेकिन सहमति बनाने में विफल रही है।
कृषि सुधार को वापस लेना पड़ा
राजन ने कहा कि महीने भर चले भारी विरोध के बाद 19 नवंबर, 2021 को सरकार ने कृषि सुधार कानूनों को वापस ले लिया था। उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 8.7 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। हालांकि वित्तवर्ष 2023 में यह विकास दर कम होकर 7.2 फीसदी रह सकती है।
बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की जरूरत
राजन ने कहा कि सरकार को बैंकिंग क्षेत्र में सुधार करना चाहिए। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का अच्छा मौका है, क्योंकि यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की जगह उसके रास्ते में बाधक बन रहा है। इसलिए इसे दुरुस्त करने की जरूरत है। साथ ही उधारी को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
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