नई दिल्ली (New Delhi)। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के चंबा में लोगों की नींद सोमवार तड़के अचानक टूट गई। लोगों ने घरों से बाहर निकलकर देखा तो मिराज-2000 (Mirage-2000), अपाचे (Apache) और राफेल (Rafale) आसमान में कुलाचे भरते हुए गर्जना (roaring sky) कर रहे थे। उपमंडल जम्मू कश्मीर सीमा (Jammu and Kashmir border) से लगे हुए लंगेरा, चुराह, सतरूंडी, मंगली, महलनाग क्षेत्रों लड़ाकू विमान उड़ते रहे।
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) चीन और पाकिस्तान की सीमा पर उत्तरी क्षेत्र में प्रमुख प्रशिक्षण अभ्यास त्रिशूल कर रही है। राफेल, मिराज 2,000 समेत लड़ाकू विमानों के साथ चिनूक, अपाचे सहित भारी-लिफ्ट परिवहन विमान और हेलिकाप्टरों के साथ अभ्यास किया जा रहा है। गुरु विशेष बल भी अभ्यास का हिस्सा है। जहां वायु शक्ति के सभी तत्वों का अभ्यास किया जा रहा है।
यह अभ्यास 4 से 14 सितंबर तक लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्रों में होगा। हालांकि, लड़ाकू विमानों की आवाज से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल भी बन गया। चंबा के कई क्षेत्र जम्मू और कश्मीर की सीमाओं से सटे हैं। इधर, उप मंडलाधिकारी, सलूणी नवीन कुमार शर्मा, एसडीएम चुराह जोगिंदर पटियाल ने बताया कि उन्हें इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी के मुताबिक त्रिशूल युद्धाभ्यास की प्रक्रिया रविवार देर रात से ही शुरू हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक, त्रिशूल युद्धाभ्यास भारत की उत्तरी सीमा पर 1400 किलोमीटर के क्षेत्र में किया जा रहा है। इसमें पंजाब सहित जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के इलाके शामिल हैं। वायुसेना के जवान 14 सितंबर तक युद्ध की तमाम बारीकियों का अभ्यास करेंगे।
चीन-पाकिस्तान कर रहे शाहीन एक्स
माना जा रहा है कि भारत का त्रिशूल अभ्यास चीन और पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए ‘शाहीन एक्स’ नाम के संयुक्त वायु सेना अभ्यास का जवाब है। चीन और पाकिस्तान का यह संयुक्त वायु सेना प्रशिक्षण अभ्यास अगस्त के अंत में शुरू हुआ और मध्य सितंबर तक जारी रहेगा।
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