श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के रैनावारी इलाके में बुधवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ (Encounter in Jammu-Kashmir) में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आधी रात को इलाके की घेराबंदी करने के बाद तालाश अभियान शुरू किया था, जिसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हुई।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों में से एक के पास मीडिया का पहचानपत्र था। कुमार ने ट्वीट किया कि मारे गए लश्कर के एक आतंकवादी के पास मीडिया का पहचानपत्र था, जो मीडिया के गलत इस्तेमाल का स्पष्ट संकेत देता है।
पहचानपत्र में नाम लिखा है, रईस अहमद भट और वह ‘वैली मीडिया सर्विस’ का मुख्य संपादक है। इस समाचार एजेंसी का कोई अता-पता नहीं है। दूसरे आतंकवादी की पहचान हिलाल अहमद के तौर पर हुई है। कुमार ने अभियान के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार शाम पुलिस को आतंकवादियों के शहर के रैनावारी इलाके में छिपे होने की जानकारी मिली थी।
‘सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर रहे पत्रकार’
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था और इस दौरान आतंकवादियों के गोलीबारी करने से अभियान, मुठभेड़ में तब्दील हो गया। मारे गए दोनों आतंकवादी अनंतनाग जिले के निवासी थे। कुमार ने बताया कि रईस अहमद भट 2021 में आतंकवादी संगठन में शामिल होने से पहले एक पत्रकार था। अनंतनाग जिले में हत्याओं की कई घटनाओं में वह शामिल था।
उन्होंने कहा कि भट कुछ लोगों को निशाना बनाने श्रीनगर आया था…हमें समय पर उसने संबंध में जानकारी मिल गई और अभियान चलाया गया। वह आम नागरिकों की हत्या की घटनाओं में शामिल था और उसके खिलाफ दो प्राथमिकी भी दर्ज है।
पुलिस महानिरीक्षक ने चेतावनी देते हुए कहा कि सूचना विभाग और पत्रकारों को भारतीय प्रेस परिषद के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए अन्यथा, पुलिस इस संबंध में कार्रवाई करेगी।उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान और कश्मीर में कुछ पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमार ने कहा कि मैं पत्रकारों से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, लोगों को उकसाने या झूठी खबरें फैलाने जैसे कृत्यों में शामिल नहीं होने की अपील करता हूं।
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