रायबरेली । मोदी सरकार ने रायबरेली के किसानों को एक नया तोहफ़ा दिया है। अब यहां के किसानों के लिए एक नए कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की तैयारी है। इसके लिए आवश्यक जमीन आदि को चिन्हित कर लिया गया है और अन्य औपचारिकताओं को जल्दी पूरा कर लिया जायेगा। हालांकि जिले में एक कृषि विज्ञान केंद्र पहले से ही है, लेकिन एक और केवीके खुल जाने से किसानों को काफ़ी फायदा मिलने की उम्मीद है।
रायबरेली में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की घोषणा भी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कर दी है और इसे जल्द ही किसानों के लिए शुरू करने का भरोसा भी दिया है। रायबरेली में नए कृषि विज्ञान केंद्र खोलने के लिए सरेनी क्षेत्र के पल्टीखेड़ा की 10 हेक्टेयर की जमीन को चिन्हित भी कर लिया गया है। यह जमीन कृषि विभाग की है जिसे अब कृषि विज्ञान केंद्र के उपयोग में लिया जाएगा। यह केंद्र भी चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के तहत काम करेगा। इसके लिए अन्य सभी जरूरी औपचारिकता भी पूरी कर ली गई है। इस केंद्र के खुलने से जिले के किसानों को खासा फायदा होने की उम्मीद है।
दरअसल, 1984 से ही एक अन्य कृषि विज्ञान जिले में पहले से ही काम कर रहा है लेकिन जिले में किसानों की ज्यादा संख्या होने से इसका लाभ सभी को नहीं मिल पाता था। अब एक अन्य केंद्र बनने से किसानों को कृषि की नई तकनीकों और फ़सल के रखरखाव के लिए और आसानी हो जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र कृषि विश्वविद्यालयों से जुड़े होते हैं और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और किसानों के बीच भी एक कड़ी का काम करते हैं। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को कृषि और फसलों में हो रहे नए शोध और उनके उपयोग की जानकारी मिलती है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को कैसे अधिकतम लाभ मिल सके इसके लिए समय समय पर सहायता दी जाती है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ के.के. सिंह के अनुसार नए बनने वाले केवीके से किसानों को वैज्ञानिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने में सहायता मिलेगी, यह केंद्र भी चन्द्रशेखर आजाद कृषि व प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के ही अधीन काम करेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved