कासगंज। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज (Kasganj) में पुलिस कस्टडी (Police Custody) में एक युवक की मौत से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पुलिस (Police) के रवैये को लेकर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जहां एक तरफ पुलिस का कहना है कि युवक ने बाथरूम में फांसी लगा ली वहीं दूसरी तरफ मृतक के परिजन पुलिस पर ही आरोप लगा रहे हैं।
कासगंज पुलिस का कहना है कि 22 साल के युवक अल्ताफ ने बाथरूम जाने के लिए पूछा था तो उसे बाथरूम का रास्ता बता दिया गया था। जब वो बहुत देर तक बाथरूम से नहीं लौटा तो उसकी तलाश में पुलिसकर्मी बाथरूम गए तो देखा कि उसने अपनी जैकेट की टोपी में लगी डोरी से फांसी लगा ली थी। हालांकि उसकी सांसें तब चल रही थीं। फिर आननफानन में अल्ताफ को हॉस्पिटल ले जाया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
बता दें कि अल्ताफ एक घर में टाइल्स का काम कर रहा था। इस दौरान उस घर की एक नाबालिग बच्ची लापता गई। फिर बच्ची के परिजनों ने अल्ताफ पर शक जताया और थाने में उसके खिलाफ शिकायत करवा दी। इसके बाद पुलिस अल्ताफ के घर पहुंची और उसे थाने ले आई। लेकिन अगले दिन अल्ताफ के पिता चांद मियां को खबर दी गई कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है।
गौरतलब है कि इस मामले में अब पुलिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। पहला सवाल है कि जब अल्ताफ की लंबाई करीब 5 फुट 6 इंच थी तो वो 2.5 फुट ऊंचे नल में लटककर कैसे फांसी लगा सकता है? दूसरा सवाल है कि क्या मरते वक्त अल्ताफ छटपटाया नहीं होगा? तीसरा सवाल है कि जब अल्ताफ छटपटाया होगा तब नल ने उसका भार कैसे सह लिया क्या नल इतना मजबूत था?
चौथा सवाल है कि पैर जमीन पर रखकर कोई कैसे फंदे से लटककर मर सकता है? अल्ताफ के पैर तो जमीन पर टिके हुए थे। पांचवा सवाल है कि क्या अल्ताफ की जैकेट की टोपी की डोरी इतनी मजबूत थी कि उसने अल्ताफ का भार सह लिया? छठा सवाल है कि अल्ताफ की लंबाई नल से दोगुना थी तो क्या उसने जमीन पर बैठकर या लेटकर फांसी लगाई. सातवां सवाल है कि बाथरूम और हवालात एक-दूसरे से बस कुछ ही दूरी पर हैं तो क्या जब अल्ताफ छटपटा रहा था तो उसकी आवाज बाहर तक नहीं आई। मृतक अल्ताफ के परिवार का कहना है कि उन्हें पुलिस की थ्योरी पर भरोसा नहीं है. उनके बेटे ने गलत नहीं किया था. उन्हें नहीं पता था कि थाने में उनके बेटे के साथ ऐसा हो जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved