नई दिल्ली (New Delhi)। तल्ख रिश्तों(bitter relationships) के बीच अब मालदीव(Maldives) ने भारत(India) के साथ किए पुराने समझौतों (Old agreements)को भी रडार पर ले लिया है। खबरें हैं कि संसदीय समिति(Parliamentary Committee) ने भारत (India)के साथ किए पुराने तीन समझौतों की समीक्षा करने का ऐलान किया है। खास बात है कि यह कदम तब उठाया गया, जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
तीन समझौते क्या
इन समझौतों में हाइड्रोफोबिक सर्वे, भारत के अनुदान सहयोग से बनने वाले उथुरु थिलाफल्हु डॉकयार्ड और भारत की तरफ से मालदीव को दिए गए डॉर्नियर एयरक्राफ्ट समझौते शामिल हैं। भारत में ये एयरक्राफ्ट मालदीव के रक्षा बलों को मानवीय, खोजी और बचाव से जुड़े कामों के लिए गिफ्ट दिए थे। खास बात है कि मुइज्जू सरकार पहले ही भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के लिए अड़ी हुई थी।
देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को प्रभावित हुई
भारतीय मीडिया ने मालदीव की मीडिया की रिपोर्ट्स के हवाले से लिखा है, सांसद अहमद अजान ने बताया, ‘आज संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा समिति ने राष्ट्रपति सोलिह प्रशासन की तरफ से लिए गए उन ऐक्शन की जांच के लिए संसदीय जांच का फैसला किया है, जो मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता को कमजोर करते हैं।’ उन्होंने आरोप लगाए हैं कि पिछली सरकार की तरफ से किए गए कुछ कामों ने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को प्रभावित किया है।
इसके अलावा मुइज्जू सरकार ने बीते साल ही ऐलान किया है कि वे भारतीय नौसेना के साथ समझौते को रिन्यू नहीं करने वाले हैं, जिसमें मालदीव के जल क्षेत्र के साझा हाइड्रोफोबिक सर्वे की बात कही गई थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यक्रम में हुए शामिल
शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुइज्जू भारत में राष्ट्रपति भवन में आयोजित बैंक्वेट में भी शामिल हुए थे। यहां उन्हें पीएम मोदी के पास बैठे हुए देखा गया था। मुर्मू ने राष्ट्रपति मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव की नई सरकार और लोगों को शुभकामनाएं दीं तथा विश्वास जताया कि द्वीपीय राष्ट्र उनके नेतृत्व में समृद्धि और विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।
पीटीआई भाषा के अनुसार, बयान में कहा गया, ‘दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और बहुआयामी संबंधों का उल्लेख किया और लोगों से लोगों के बीच जुड़ाव, क्षमता निर्माण सहयोग, आर्थिक और व्यापार संबंधों तथा विकास सहयोग सहित हमारे व्यापक द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण स्तंभों पर प्रकाश डाला।’ राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में भारत-मालदीव के संबंधों का मजबूत होना जारी रहेगा।
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