जबलपुर। रांझी थाना क्षेत्र के मढ़ई इलाके में स्थित एक मस्जिद के एक हिस्से को अवैध बताते हुए उसे तोडऩे के लिये विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एक जुलूस निकाल कर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में मस्जिद के अवैध अतिक्रमण को तोडऩे की कोशिश की। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हो गई। लेकिन पुलिस ने किसी को आगे बढऩे नहीं दिया। विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाये हैं कि मढ़ई इलाके की इस जमीन में पहले गायत्री बाल मंदिर था, लेकिन उसके बाजू में धीरे-धीरे वहां एक मस्जिद का निर्माण किया गया और उसमें अतिक्रमण करते हुए उसे वृहद रूप दे दिया गया है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को 10 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर कार्यवाही नहीं हुई तो हम खुद इसे तोड़ेंगे।
पुलिस ने संभाला मोर्चा, रास्ते किए बंद
संगठन के प्रदर्शन के पहले ही पुलिस ने सुरक्षा और कार्रवाई के पुख्ता इंतजाम किये। मस्जिद की ओर जाने वाले दोनों रास्तों पर बैरीगेट लगाकर बंद कर दिया गया। वॉटर कैनन, ड्रोन कैमरा व अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद रहा। पुलिस की सख्ती से प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपकर आंदोलन समाप्त किया।
मस्जिद का इतिहास
वीएफजे मड़ई स्थित मस्जिद के इतिहास पर नजर डालें तो दस्तावेजों के अनुसार खसरा नम्बर 326 जिसका कुल रकबा 1.86 हेक्टेयर था, जिसके भूस्वामी फूलसिंह पिता दीनदयाल सिंह थे, जो 1954-55 से 1970 तक काबिज थे। इसके बाद 1973 में मस्जिद तामीर के लिए सैफुद्दीन पिता जमालुद्दीन, अजीजुल कमर खां पिता अब्दुल मियां खां, हनीफ पिता हनीफ और मुन्ने मियां पिता घसीटे ने भूस्वामी फूल सिंह से जमीन खरीदी। दस्तावेजों के अनुसार जमीन दो हिस्सों में खरीदी गई। एक 1600 वर्गफीट और दूसरी 920 वर्गफीट। 1600 वर्गफीट जमीन का पुराना खसरा 326/7 और नया खसरा नम्बर 166 है। वहीं 920 वर्गफीट जमीन का पुराना खसरा नम्बर 326/6 और नया खसरा नम्बर 165 है। उस जमाने में मस्जिद की संगे बुनियाद हजरत मौलाना बुर्हाने मिल्लत ने रखी। तब से मस्जिद कायम है।
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