नई दिल्ली। पुलिस की पूछताछ में सुशील (Sushil Kumar) व उसके साथी अजय ने खुलासा किया है कि दोनों गुटों के बीच विवाद फ्लैट के किराए को लेकर था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मॉडल टाउन स्थित यह फ्लैट सुशील की पत्नी के नाम पर है। सुशील ने इसे सागर व अन्य को किराए पर दिया हुआ था। सागर ने फ्लैट का किराया दो माह से नहीं चुकाया था। इसी पर विवाद शुरू हुआ था। पुलिस अब घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ने में लगी है। दूसरी ओर, वरिष्ठ अधिकारी इस हाईप्रोफाइल (High profile) मामले को क्राइम ब्रांच (Crime Branch) को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला है कि 4 मई की रात सुशील कई साथियों के साथ मॉडल टाउन के फ्लैट के नीचे पहुंचा। बताया जाता है कि उसके साथ कुछ अपराधी भी थे। सुशील के साथियों के बुलाने पर सागर और उसके दोस्त बाहर आए तो उन्हें करीब आधा दर्जन कारों में बिठा लिया गया। इसके बाद सभी को छत्रसाल स्टेडियम (Chhatrasal Stadium) लाया गया। यहां दोनों गुटों में जमकर विवाद हुआ। बताया जाता है कि यहां काला जठेड़ी गिरोह के कुछ बदमाश भी थे। इन लोगों ने हवा में कई गोलियां चलाईं। सुशील व साथियों ने सागर व अन्य को लाठी, डंडों और हॉकी से पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान सागर के एक साथी ने मौका देखकर पीसीआर को कॉल कर दी। पुलिस पहुंची तो सुशील समेत बाकी पहलवान भाग गए।
अगले दिन सागर की मौत का पता चलते ही सुशील मॉडल टाउन स्थ्ति अपने घर से सुबह 9:30 बजे निकल गया। सबसे पहले वह शालीमार बाग इलाके में एक जानकार के पास गया। वहां से वह यूपी (UP) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) निकल गया। इसके बाद वह उत्तराखंड (Uttarakhand) भी गया। फिर वह कभी यूपी, कभी हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में ठिकाने बदलता रहा।
छानबीन में पुलिस को पता चला कि बाहरी दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने सुशील और उसके साथियों को दस सिम उपलब्ध कराए। इनकी मदद से वे लगातार इंटरनेट कॉलिंग कर अपने नजदीकियों के संपर्क में रहे। पुलिस सूत्रों का दावा है कि शनिवार को सुशील के पास रुपये खत्म हो गए थे। रविवार को वह रुपये लेने दिल्ली आया और पुलिस के जाल में फंस गया। उधर, फॉरेंसिक जांच के दौरान प्रिंस दलाल के मोबाइल से मिला वीडियो भी सही पाया गया है। सूत्रों का कहना है कि यह वीडियो इसलिए बनवाया गया था कि पहलवानों के बीच सुशील की धाक जमी रही।
गिरफ्तारी के तरीके पर उठ रहे सवाल
सुशील और अजय को स्पेशल सेल की टीम ने उसी तरह गिरफ्तार किया है, जैसा बताया जा रहा है, इसे लेकर रविवार को दिनभर चर्चा चलती रही। लोग गिरफ्तारी के तरीके पर तमाम सवाल उठा रहे हैं और पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। घटना को लेकर एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें सुशील एक कार से निकालकर दूसरी में बैठते हुए दिख रहा है। यह वीडियो तड़के का लग रहा है। इससे पूर्व, शनिवार शाम चर्चा चलती रही कि सुशील और अजय ने पंजाब के बठिंडा में आत्मसमर्पण किया है। पंजाब पुलिस ने इसकी सूचना दिल्ली पुलिस को दी। देर रात स्पेशल सेल की टीम सुशील को लेने पंजाब रवाना हुई। इन सब बातों से दिल्ली और पंजाब पुलिस के अधिकारी इनकार करते रहे। रविवार सुबह दिल्ली पुलिस ने बेहद नाटकीय ढंग से सुशील की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
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