- श्रद्धालु को बेचे गए पैकेट में से जला हुआ लड्डू निकला
उज्जैन। महाकाल मंदिर में बेचे जाने वाले लड्डू प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे है। बताया गया है कि बीते दिन शाम को एक श्रद्धालु को बेचे गए लड्डू के पैकेट में से जला हुआ लड्डू मिला था और इसकी शिकायत भी श्रद्धालु ने मंदिर प्रशासक से की थी लेकिन इसका नतीजा सिफर ही निकला। हालांकि मंदिर प्रशासक संदीप सोनी का यह कहना है कि लड्डू प्रसादी निर्माण यूनिट को अत्याधुनिक बनाया जाएगा।
प्रशासक ने कहा-यूनिट को अत्याधुनिक बनाएँगे गौरतलब है कि चिंतामन गणेश परिक्षेत्र में लड्डू प्रसादी बनाई जाती है तथा मंदिर स्थित काउंटरों से इस प्रसाद को बेचा जाता है। लेकिन जिस तरह से यूनिट में प्रसादी का निर्माण किया जाता है वह तरीका बहुत पुराना है और यही कारण है कि प्रसादी की गुणवत्ता धीरे धीरे कम हो रही है और इसकी शिकायत भी कई बार श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर प्रशासन से की जाती रही है बावजूद इसके मंदिर प्रशासन के जिम्मेदारों द्वारा इस मामले में गंभीरता के साथ ध्यान नहीं दिया गया है। मंदिर प्रशासन की ओर से कई सालों से एक ही हलवाई को प्रसाद बनाने का ठेका दे रखा है। हलवाई और उसके कर्मचारी लड्डू के पैकेट बनाकर तैयार करते हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया अत्याधुनिक ना होने की वजह से पर्याप्त मात्रा में प्रसाद तैयार नहीं हो पाता है और समय-समय पर गुणवत्ता भी कमजोर हो जाती है। बता दें कि मंदिर स्थित काउंटरों से लड्डू प्रसादी सौ, दो सौ और पांच सौ ग्राम के साथ ही एक किलो के पैकेट में बेचे जाते है।
छोटे पैकेट ज्यादा तैयार होते हैं
मंदिर प्रशासन के अधिकारियों का यह कहना है कि सभी को बाबा महाकाल का प्रसाद मिले और यही कारण है कि पांच सौ ग्राम व एक किलों के पैकेट्स कम तैयार किए जाते है तथा सौ व दो सौ ग्राम के ज्यादा।