गाजियाबाद। आपने अक्सर यूपीएससी आईएएस परीक्षा (upsc ias exam) के फाइनल राउंड (final round) यानी इंटरव्यू (Interview) के सवालों के बारे में सुना होगा. इन सवालों के इंटेलिजेंट आंसर (intelligent answer)से ही उम्मीदवारों को सफलता मिलती है. इस परीक्षा में नौवीं रैंक (9th rank in exam) पाने वाली गाजियाबाद की डॉ अपाला मिश्रा (Dr Apala Mishra of Ghaziabad) से भी कुछ ऐसे ही सवाल पूछे गए जिनके जवाबों ने उन्हें इतनी बेहतर रैंक दिलाई. इसमें से एक सवाल उनकी साड़ी के बॉर्डर पर भी पूछा गया था, आइए जानें उन्होंने क्या जवाब दिया. इसके अलावा उनसे जो सवाल जवाब किए गए, उनके जवाब भी जानिए. सोचिए कि आप उनकी जगह होते तो क्या जवाब देते.
सवाल नंबर 1: आपके नाम का मतलब क्या है और इसके क्या मायने हैं?
जवाब: अपाला नाम ऋग वेदी युग की महिला ऋषि का हुआ करता था। यह नाम मां ने रखा था क्योंकि मां हिन्दी की प्रोफ़ेसर हैं इसलिए उनका साहित्य से कुछ ज्यादा ही लगाव है और अपाला का शाब्दिक अर्थ देखा जाए तो इसका अर्थ होता है सुंदर
सवाल नंबर 2: क्योंकि उनके पिता और भाई दोनों आर्मी से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उन्हें पूछा गया कि आर्मी में किस तरह के चैलेंजेस होते हैं और साथ ही साथ इसके सकारात्मक पहलू क्या है?
जवाब: डिफेंस में कई तरह के चैलेंजेस हैं लेकिन अब समय के साथ साथ वो सभी चैलेंजेस इंप्रूव हो रहे हैं. सबसे बड़ा चैलेंज इसमें महिलाओं के लिए था लेकिन अब महिलाओं को भी इसमें मौका मिल रहा है. डिफेंस के क्षेत्र में भारत बहुत आगे जा रहा है. इसके साथ ही इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के तर्ज पर काम किया जा रहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा हथियार और अन्य उपकरण भारत में ही बन रहे हैं.
सवाल नंबर 3: भारत में अलग अलग भाषाएं हैं, इसको कैसे देखते हैं?
उत्तर : भारत में कई तरह की भाषाएं बोली जाती हैं. यह अपने आप में भारत की एक विशेषता है. यह भारत में अनेकता में एकता को दर्शाता है.
सवाल नंबर 4: सबसे रोचक और सबसे अलग सवाल उनसे पूछा गया कि उन्होंने साड़ी किस तरह की पहनी है और उनकी साड़ी पर बनी बॉर्डर क्या दर्शाती है.
उत्तर : इस साडी की बॉर्डर पर वर्ली पेंटिग की गई है. यह महाराष्ट्र के सह्याद्री से आती है. बॉर्डर पर किया गया आर्ट वर्क सामान्य जन जीवन को दर्शाता है.
सवाल नंबर 5: किसी भी तरह की कोई भी एक कविता सुनाइए?
उत्तर: यह कविता अपने भाई के लिए लिखी क्योंकि भाई अभिलेख मेजर हैं और उन्हीं के लिए यह कविता समर्पित है…
सवाल नंबर 6: स्ट्रगल को कैसे देखते है?
उत्तर: स्ट्रगल को कभी स्ट्रगल या मुश्किेल दौर के तौर पर नहीं देखना चाहिए बल्कि उस स्ट्रगल से जो लेसन मिला उसको ध्याान में रखकर आगे बढ़ना चाहिए.
यूपीएससी परीक्षा में डॉक्टर अपाला मिश्रा ने देशभर में नौवां स्थान हासिल किया है. अपाला की सफलता इसलिए खास है क्योंकि डॉ अपाला ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है. हालांकि उनका पहला प्रयास असफल रहा. दोबारा में फिर यूपीएससी की परीक्षा दी तो उसमें भी असफल रहीं. उसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अक्टूबर 2020 में तीसरी बार परीक्षा दी और 9वीं रैंक हासिल की. उनकी कामयाबी के बाद परिवार में जश्न का माहौल है.
वसुंधरा सेक्टर-5 में रहने वाली डॉ. अपाला मिश्रा मूलरूप से बस्ती के पुराना डाकखाना सिविल लाइन की रहने वाली हैं. अपाला विदेश में बेहतर नीति बनाकर देश सेवा करना चाहती हैं. उनका मानना है कि वो कुछ ऐसा करे जिससे वे कुछ अच्छा और बड़ा बदलाव ला सके. शुरुआती दौर में उन्होंने बीडीएस की पढ़ाई की, लेकिन बाद में विचार आया कि वैश्विक स्तर पर देश सेवा करने के लिए सिविल सर्विसेस की तैयारी की जाए. अपाला के पिता अमिताभ मिश्रा आर्मी में कर्नल और बड़े भाई अभिलेख मेजर हैं. माता अल्पना मिश्रा दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी फैकल्टी में प्रोफेसर हैं. डॉ. अपाला मिश्रा ने 10वीं तक की पढ़ाई देहरादून और 11वीं व 12वीं की पढ़ाई दिल्ली से की.
अपना की माता अल्पना मिश्रा बताती हैं कि 1 साल पहले ही उन्होंने अपाला के कमरे में “आई विल बी अंडर 50” नाम का एक पोस्टर बनाकर लगा दिया था. इस पोस्टर को दिन-रात अपाला देखकर अपने लक्ष्य के और करीब हो जाएंगी, इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह पोस्टर उनके रूम में लगाया. इसके अलावा अपाला के पिता अमिताभ मिश्रा जो आर्मी में कर्नल है वे बताते हैं कि 8 से 10 घंटे की पढ़ाई के बाद वे रोज अपाला के साथ करीब 30 से 40 मिनट तक टेबल टेनिस खेलते थे जिससे उसके दिमाग पर पढ़ाई का प्रेशर कम हो सके.
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