लंदन। पिछले साल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी क्वीन कंसोर्ट कैमिला को सौंपा गया था। लेकिन,अब कैमिला ने इस विवादित ताज को पहनने से इनकार किया है। बकिंघम पैलेस की ओर से मंगलवार को इसकी जानकारी दी गई।
दरअसल, इस साल मई में किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक होगा। इसके साथ ही वह आधिकारिक रूप से ब्रिटेन के राजा की गद्दी को संभालेंगे। इस दौरान कैमिला को इस कोहिनूर से जड़े ताज को पहनना था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत लंबे समय से कोहिनूर हीरे की वापसी की मांग करता रहा है, ऐसे में अगर कैमिला उस ताज को पहनतीं, तो नया रानजयिक विवाद पैदा हो सकता था।
कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज किंग चार्ल्स की दिवंगत दादी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अंतिम बार पहना था। बताया जाता है कि यह कोहिनूर हीरा 105 कैरट का है, जो दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है। भारत का दावा है कि इसे अंग्रेजी हुकूमत ने ईस्ट इंडिया कंपनी के राज के दौरान भारत से ले जाया गया था और महारानी विक्टोरिया को भेंट किया गया था।
भारत के अलावा ये देश भी करते हैं दावा
इस कोहिनूर हीरे पर अकेले भारत ही दावा नहीं करता है। बल्कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी साल 1947 से इस पर दावा कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि कई देशों को नाराज करने से बचने के लिए ब्रिटेन ने नया रास्ता चुना है। किंग चार्ल्स तृतीय का राज्याभिषेक 6 मई को लंदन के वेस्टमिंस्टर एबे में होगा। इससे पहले योजना थी कि कैमिला को इसी दिन यह विवादित कोहिनूर हीरे से जड़ा ताज पहनाया जाना था। लेकिन राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए इस योजना को खत्म किया जा सकता है।
इस मुकुट में क्या-क्या है?
इस मुकुट में 28,00 हीरे हैं। इनमें 105 कैरट का प्रसिद्ध कोह-ए-नूर हीरा भी है। यह दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है। खबरों से पता चलता है कि राज्याभिषेख के समय कैमिला को ताज पहनाए जाने को लेकर ब्रिटेन में इसलिए चिंता थी, क्योंकि इसके स्वामित्व को लेकर भारत समेत कई देश अपना दावा जता रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कुछ साल पहले संसद में सरकार के द्वारा दिए गए जवाब का जिक्र किया था। बागची ने कहा था, मैं समझता हूं कि भारत सरकार ने कुछ साल पहले संसद में इसका जवाब दिया था। हमने कहा है कि हम समय-समय पर ब्रिटेन की सरकार से बात करते रहे हैं और हम मामले का संतोषजनक समाधान निकालने के तरीकों और साधनों का पता लगाना जारी रखेंगे। महाराजा दलीप सिंह ने 1849 में 108 कैरट का कोहिनूर हीरा महारानी विक्टोरिया को दे दिया था। 1937 में इसे महारानी के ताज में लगा दिया गया था।
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