इंदौर। लिव इन रिलेशनशिप की पाश्चात्य संस्कृति किस तरह सात जन्मों के संबंधों को बदनाम कर रही है, इसका एक ताजा उदाहरण सामने आया है। लिव इन रिलेशन में पांच-छह माह तक रहने के बाद युवती की युवक के माता-पिता से तकरार हुई तो युवक को बलात्कार के आरोप में फंसाकर जेल तक पहुंचा डाला।
पुलिसिया कहानी के अनुसार पलासिया क्षेत्र में जॉब के दौरान युवती की कुणाल नामक युवक से पहचान हुई थी। 7 मार्च 2018 को कुणाल ने उसे घर का सामान शिफ्ट करने के बहाने महालक्ष्मीनगर बुलाया और उससे जबरदस्ती की। फिर शादी करने का झांसा दिया और उसे एमआईजी थाना क्षेत्र में एक फ्लैट लेकर पत्नी की तरह रखा। इस दौरान वह उसका शारीरिक शोषण करता रहा और गर्भपात की दवाएं भी खिलार्इं। बाद में शादी से इनकार कर दिया और फ्लैट पर नहीं आया तो युवती ने 100 नंबर पर डायल कर पुलिस को बुलाया और बलात्कार की रिपोर्ट लिखाई। मामला सेशन कोर्ट में चला तो युवती ने कहा कि मुलजिम उसे चित्तौडग़ढ़ ले गया था, जहां नवरात्रि में उसका धर्म परिवर्तन कर हिंदू बनाया और उससे हारफूल डालकर शादी तक की।
हालांकि इस बात का जिक्र एफआईआर में नहीं था और न जांच अधिकारी नितिन पटेल को कभी उसने इसकी जानकारी दी थी। गवाहों के बयानों से साबित हुआ कि महिला लिव इन में युवक के साथ पांच-छह माह तक रही और इस दौरान उसने कभी किसी से जबरदस्ती की बात नहीं कही थी। युवक के माता-पिता से उसकी तकरार हुई थी, जिसके बाद उसने बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराई। युवती के विरोधाभासी बयानों व उससे जबरदस्ती साबित नहीं होने से जज चारूलता दांगी ने मामला लिव इन रिलेशनशिप का होना मानते हुए युवक को बलात्कार के इल्जाम से बरी कर दिया। हालांकि युवक को मामले में करीब आठ माह तक जेल की हवा खाना पड़ी थी।
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