टोक्यो । जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश मंत्री अगले सप्ताह टोक्यो में मिलेंगे और अपने देशों की मुक्त और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को जाहिर करेंगे। जापानी मीडिया ने विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी के हवाले से यह जानकारी दी जा रही है ।
मोतेगी की 6 अक्टूबर की बैठक, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिज पायने और उनके भारतीय समकक्ष सुब्रह्मण्यम जयशंकर की बैठक क्षेत्र में चीन की बढ़ती दबंगई के बीच होनी है। लोकतंत्र के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत, जिसे सामूहिक रूप से Quad (क्वाड) के रूप में जाना जाता है, कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत के बाद से टोक्यो द्वारा आयोजित पहला मंत्री स्तरीय बहुप्रचारित सम्मेलन होगा। वे पिछले साल सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान अलग से उनकी बैठक के बाद मिल रहे हैं।
मोतेगी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह उचित समय पर है कि चार देशों के विदेश मंत्री, जो क्षेत्रीय मामलों में समान महत्वाकांक्षाओं को साझा करते हैं, विभिन्न चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करें।” साथ ही उन्होंने कहा वह अपने प्रत्येक समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने का इरादा भी रखते हैं।
उन्होंने कहा, “कोरोनावायरस के बाद की दुनिया में स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के विजन का मूल्य बढ़ा गया है और मुझे उम्मीद है कि इस दृष्टि को साकार करने की दिशा में कई देशों के साथ समन्वय को और गहरा बनाने के महत्व के बारे में विदेश मंत्री की बैठक में पुष्टि होगी।”
प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने 16 सितंबर को कार्यभार संभाला है और इसके साथ ही पिछले लगभग आठ वर्षों में देश के पहली बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। जापानी मीडिया के मुताबिक इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पीएम सुगा ने इस चार-पक्षीय बैठक के मौके पर पोम्पेओ से अलग से मिलने की योजना भी बनाई है।
इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सहयोग को आगे बढ़ाया है। इसमें कानून के शासन का पालन, समुद्र और आसमान में आवाजाही की स्वतंत्रता और विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा शामिल है।
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