भोपाल। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते इमरती देवी ने भोपाल एवं ग्वालियर में सरकारी बंगला आवंटित कराए थे। अब उपचुनाव हारने के बाद और मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य शासन ने उन्हें ग्वालियर का बंगला खाली करने का नोटिस थमा दिया है। लोक निर्माण विभाग ने इमरती को भेजे नोटिस में कहा है कि उनके पास कोई पद नहीं है। ऐेसे में सरकारी बंगला खाली किया जाए। हालांकि इमरती देवी के इस्तीफा की अभी तक अधिसूचना जारी नहीं हुई है। हाल में हुए उपचुनाव में इमरती देवी डबरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के सुरेश राजे से चुनाव हारी हैं। कमलनाथ सरकार ने उन्हें झांसी रोड मानिक विकास कॉलोनी में 44-ए नंबर बंगला अलॉट किया गया था। जो अब उन्हें छोडऩा पड़ेगा। क्योंकि नियमानुसार किसी भी व्यक्ति को बिना पद के दो-दो सरकारी बंगले आवंटित नहीं हो सकते है। किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक बंगला आवंटित करने का अधिकार मुख्यमंत्री को होता है। यदि मुख्यमंत्री इमरती देवी को भोपाल के साथ-साथ ग्वालियर में भी सरकारी बंगला देंगे तो पार्टी में ऐसे कई नेता हैं। जो इमरती से ज्यादा काबिल हैं। लोकनिर्माण विभाग ने बंगला नंबर 44 ए खाली करने के लिए 2 दिसंबर को ही नोटिस करते हुए कहा था कि जल्द बंगले को रिक्त किया जाए, क्योंकि यह बंगला मंत्री कार्यकाल की अवधि के लिए दिया गया था। वर्तमान में आपके पास पद नहीं है, इसलिए अब से खाली कर विभाग को सौंपा जाए।
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