अस्ताना: रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच 24 फरवरी से जंग जारी है. इस युद्ध में जहां यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. तो वहीं यूक्रेन का दावा है कि उसने भी रूस को करारा जवाब दिया है. दोनों देशों के दावे भले ही कुछ भी हों, लेकिन इस जंग में कई बेगुनाह मारे जा चुके हैं, तो कई बेघर हो चुके हैं. वहीं, दुनियाभर के कई देश इस जंग की निंदा कर चुके हैं, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) को इस युद्ध का कतई मलाल नहीं है. क्योंकि हाल ही में उनसे एक सवाल किया गया था कि क्या उन्हें यूक्रेन के खिलाफ जारी जंग को लेकर कोई खेद है. इस पर पुतिन ने साफ शब्दों में कहा ‘नहीं’.
हाल ही में कज़ाख की राजधानी अस्ताना में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन हुआ था. इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल हुए थे. इस दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें युद्ध को लेकर किसी तरह का मलाल है, इस पर उन्होंने कहा-नहीं. हालांकि पुतिन ने ये भी कहा कि यूक्रेन को नष्ट करना रूस का उद्देश्य नहीं था. इसके साथ ही पुतिन ने भारत को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पिछले महीने उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन में भारत और चीन ने यूक्रेन में ‘शांतिपूर्ण बातचीत’ का समर्थन किया था.
पुतिन ने ये भी कहा कि फिलहाल यूक्रेन पर नए हमलों की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि रूस देश को नष्ट करने के बारे में नहीं सोच रहा है. इसके साथ ही पुतिन ने कहा कि रूस वार्ता करने के लिए तैयार था, हालांकि पुतिन ने ये भी कहा कि अगर यूक्रेन इसमें हिस्सा लेने के लिए तैयार है तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की आवश्यकता होगी.
इससे पहले क्रीमिया ब्रिज पर हुए अटैक के बाद रूस ने यूक्रेन को टारगेट किया था. लिहाजा यूक्रेन पर एक के बाद एक हमले किए गए. राजधानी कीव समेत कई शहरों पर रूसी सैनिकों ने मिसाइल से हमला किया था. इसके बाद जब पुतिन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि यह यूक्रेन की ओर से किया गया टेरर एक्ट है. इतना ही नहीं, पुतिन ने तल्ख लहजे में कहा था कि हमारी तरफ से किए गए सभी अटैक क्रीमिया पुल पर किए गए हमले का जवाब था.
पिछले कुछ दिनों से रूस आक्रामक रुख अपनाते हुए यूक्रेन पर लगातार हमला कर रहा है. रूसी हमलों के बीच यूक्रेन नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल होने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में यूक्रेन के NATO में शामिल होने को लेकर रूस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. रूस ने इसे यूक्रेन का प्रोपेगेंडा बताते हुए इस बार सीधा तीसरे विश्व युद्ध की धमकी दे डाली थी.
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