नई दिल्ली: यूक्रेन (ukraine) के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ अरेस्ट वारंट (arrest warrant) जारी हुआ था. अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद वह पहली बार रूस (Russia) से बाहर कदम रखने वाले हैं. हालांकि वह जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने भारत (India) नहीं आ रहे हैं. अरेस्ट वारंट जारी के बाद पुतिन अक्टूबर में चीन (China) की अपनी पहली विदेश यात्रा करने पर सहमत हो गए हैं.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन इस साल के अंत में बेल्ट एंड रोड फोरम के लिए चीन में कदम रखने के लिए तैयार हैं. ब्लूमबर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर एक सूत्र के हवाले से कहा कि रूसी राष्ट्रपति द्वारा सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद क्रेमलिन पुतिन की चीन यात्रा की तैयारी कर रहा है.
बता दें कि हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा वारंट की घोषणा के बाद से पुतिन ने रूसी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार नहीं किया है. पिछले दिनों, पुतिन दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे, क्योंकि कोपेनहेगन में स्थानीय सरकार ने कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय अदालत में हस्ताक्षरकर्ता के रूप में उन्हें गिरफ्तार करने के ICC के आदेश का पालन करेगी.
वहीं पुतिन ने सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले आगामी जी20 शिखर सम्मेलन से भी खुद को अलग कर लिया है, हालांकि भारत ICC पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं है. फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से पुतिन ने केवल पड़ोसी पूर्व सोवियत संघ देशों और ईरान की यात्रा की है. पुतिन ने कीव में सैन्य आक्रमण शुरू करने से पहले फरवरी 2022 में चीन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. दूसरी ओर, शी जिनपिंग ने इस साल मार्च में मॉस्को का दौरा किया, जो चीनी राष्ट्रपति के रूप में रिकॉर्ड तीसरा कार्यकाल संभालने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा थी.
सूत्र ने ब्लूमबर्ग को यह भी बताया कि पुतिन केवल उन देशों का दौरा करने के इच्छुक हैं जहां उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी है और चीन उन स्थानों में से एक है. गौरतलब है कि मार्च में, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने ‘यूक्रेन की स्थिति के संदर्भ में’ पुतिन के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
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