मॉस्को । रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच जंग को 48 दिन बीत चुके हैं। इस दौरान अमेरिका (US) समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस (Russia) की आर्थिक व्यवस्था को कमजोर करने के लिए उसपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इसका जवाब देते हुए रूस ने अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) के 398 सदस्यों को अपनी यात्रा प्रतिबंध की सूची में डाल दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय (Russian Foreign Ministry) ने यह जानकारी दी।
इसी बीच यूक्रेन के बाद अब उत्तरी यूरोप में तनाव बढ़ता जा रहा है। आर्कटिक से सटे इसे इलाके में रूस ने फिनलैंड और स्वीडन की सीमा के पास मिसाइलें और अन्य घातक जंगी हथियार तैनात कर दिए हैं। दशकों तक तटस्थ रहने वाले फिनलैंड और स्वीडन ने खुलकर संकेत दे दिया है कि वे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होने जा रहे हैं, लेकिन पुतिन की धमकी के बाद दोनों देश पशोपेश में आए गए हैं कि अगर यूक्रेन जैसा धोखा हुआ तो नतीजा क्या होंगे।
इसी बीच फिनलैंड की प्रधानमंत्री साना मारिया ने कहा है कि उनका देश अगले कुछ सप्ताह में यह फैसला कर लेगा कि क्या उन्हें नाटो में शामिल होना है या नहीं। उधर, फिनलैंड और स्वीडन से आ रहे इन संकेतों पर रूस भड़क गया है और उसने न केवल मिसाइलें तैनात कर दी हैं, बल्कि दोनों ही देशों को चेतावनी दी है।
यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी नेता विक्टर मेदवेदचुक को गिरफ्तार कर लिया है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने विक्टर की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेलेंस्की ने रूस के सामने एक प्रस्ताव रखा है। उन्होंने पुतिन से कहा, आप मेदवेदचुक को सुरक्षित चाहते हैं तो बंधक बनाए गए यूक्रेन के नागरिकों को आजाद कर दें। विक्टर रूस में विपक्षी मंच लाइफ पार्टी के नेता हैं और फरवरी में वह घरेलू नजरबंदी से भाग निकले थे। उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया था।
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