मास्को (Moscow)। यूक्रेन जंग (Ukraine War) के बाद से पुतिन (Putin) की हर चाल पर दुनिया की नजर है. अमेरिका (America) समेत पश्चिमी देश (Western countries) रूस (Russia) को अलग-थलग करने पर अमादा हैं. मगर जिद्दी पुतिन (Putin) भी हैं कि मान नहीं रहे. उन्होंने भी पश्चिम के सामने नहीं झुकने का ठान लिया है. यही वजह है कि 24 साल बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) बुधवार को नॉर्थ कोरिया (North Korea) पहुंचे. तानाशाह किम जोंग (Dictator Kim Jong) संग वो अपनी यारी बढ़ा रहे हैं। नॉर्थ कोरिया के दौरे से पुतिन अमेरिका समेत दुनिया को यह दिखाना चाह रहे हैं कि किम और पुतिन की यह नंबर वन यारी है. पुतिन को अब अमेरिकी अथवा पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की चिंता नहीं है।
उन्होंने अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र के सैंक्शन्स को ताक पर रख दिया है. यही वजह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब बुधवार को उत्तर कोरिया पहुंचे तो वह अपने दोस्त किम जोंग उन के लिए एक खास तोहफा भी ले गए। जी हां, पुतिन ने किम जोंग-उन को एक शानदार ऑरस लिमोजिन गिफ्ट की. किम जोंग उन के लिए पुतिन का यह दूसरा गिफ्ट है. इससे पहले भी वह किम जोंग उन को लग्जरी कार गिफ्ट कर चुके हैं।
किम को पुतिन का एक और गिफ्ट
दरअसल, 71 साल के रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने किम जोंग उन को ऑरस लिमोजिन लग्जरी कार भेंट की. यह दूसरी बार है जब पुतिन ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को इस कार का मॉडल गिफ्ट किया है. इतना ही हीं, पुतिन ने किम जोंग उन को चाय का एक सेट भी उपहार में दिया. बताया तो यह भी जा रहा है कि एक खंजर भी गिफ्ट की है. हालांकि, दुनिया के सामने यह बात नहीं आ पाई कि आखिर किम जोंग उन ने पुतिन को क्या गिफ्ट किया. पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने कबूल किया है कि पुतिन को भी गिफ्ट मिला है और वे शानदार उपहार हैं. मगर उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया. इस बीच पुतिन ने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया ने संबंधों को नए स्तर पर पहुंचा दिया है. उन्होंने वादा किया कि अगर किसी भी देश (रूस या उत्तर कोरिया) पर हमला होता है तो वे एक-दूसरे की मदद करेंगे।
नॉर्थ कोरिया में पुतिन का जोरदार स्वागत
पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने टैस समाचार एजेंसी को मॉडल का जिक्र किए बगैर बताया कि हमने किम जोंग उन को ऑरस दिया है. यह दूसरी बार है जब पुतिन ने किम को गिफ्ट किया है. इसके बाद पुतिन 40 वर्षीय किम जोंग उन को रूसी में बनी ऑरस कार में घुमाया. इसके बाद उनकी वार्ता का खत्म हो गई. रूसी मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों में पुतिन और किम को शिखर वार्ता के बाद गेस्ट हाउस के चारों ओर नई ऑरस कार में बारी-बारी से गाड़ी चलाते हुए दिखाया गया. रूसी राष्ट्रपति जब उत्तर कोरिया पहुंचे तो उनका जोरदार तरीके से स्वागत किया गया. उनके स्वागत में रेड कारपेट बिछी थीं. पुतिन के काफिले का स्वागत करने के लिए सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी थी. लोगों ने ‘पुतिन का स्वागत है’ के नारे लगाए. इस दौरान जनता ने उत्तर कोरिया के तथा रूस के झंडे भी लहराए. पुतिन के साथ उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतरूरोव, रक्षा मंत्री एंद्रेई बेलोसोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई शीर्ष अधिकारी भी थे।
प्रतिबंधों को पुतिन ने ताक पर रखा
दरअसल, पिछली बार यानी इसी साल फरवरी में जब किम जोंग उन रूस गए थे, तब पुतिन ने किम को ऑरस कार उपहार में दिया था. टैस ने मॉडल का खुलासा किए बिना बताया कि किम जोंग उन इसे उपहार के रूप में प्राप्त करने वाले पहले नेता बन गए. इसके बाद मई में पुतिन ने बहरीन के राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा को ऑरस कार उपहार में दिया था. हालांकि, किम जोंग उन अथवा नॉर्थ कोरियो को पुतिन द्वारा कुछ भी गिफ्ट करना प्रतिबंधों के खिलाफ है. किम को पुतिन का यह गिफ्ट देना दिसंबर 2017 में अपनाए गए संकल्प 2397 के तहत उत्तर कोरिया को लक्जरी वस्तुओं की आपूर्ति, बिक्री और हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन है।
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किम से क्यों यारी बढ़ा रहे पुतिन?
किम जोंग उन को पुतिन का यह गिफ्ट देना नागवार गुजरेगा. इससे पक्का अमेरिकी का बीपी बढ़ जाएगा. रूस ने जानबूझकर अमेरिकी-संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है. अब सवाल यह है कि आखिर पुतिन यह क्यों कर रहे हैं? तो जवाब है कि पुतिन दुनिया को यह दिखाना चाहते हैं कि यूक्रेन युद्ध में रूस अलग-थलग नहीं पड़ा है. पुतिन यह दिखाना चाहते हैं कि उसके साथ भी दुनिया के कई देश खड़े हैं. यूक्रेन की लगातार मदद कर अमेरिका समेत नाटो देश रूस को पूरी तरह से तोड़ने में जुटे हैं. मगर जिद्दी पुतिन भी कहां मान रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें यूक्रेन जंग को और तेज करने के लिए हथियारों की मदद है. ऐसे में उन्हें उत्तर कोरिया ही वह देश है जो रूस की सैन्य मदद कर सकता है. पुतिन यह जानते हैं कि रूस की तरह नॉर्थ कोरिया भी अमेरिका का दुश्मन है. इसलिए पुतिन नॉर्थ कोरिया के तानाशाह से अपनी यारी बढ़ा रहे हैं।
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