नई दिल्ली: मॉस्को की एक आदालत ने आज यानी सोमवार को रूसी सरकार के एक विपक्ष के नेता कारा-मुर्जा को देशद्रोह और रूसी सेना को बदनाम करने के आरोप में दोषी पाया है, और उन्हें 25 साल कैद की सजा सुनाई है. बता दें की मुर्जा पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. उन्हें उनके घर के बाहर से अरेस्ट किया गया था. बता दें कि मुर्जा पर पिछले काफी सालों से मानवाधिकारों का उल्लंघन के आरोप लग रहे थे.
वहीं राज्य के अभियोजकों, जिन्होंने अदालत से उन्हें 25 साल के लिए जेल में डालने का अनुरोध किया था, ने उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया था. गिरफ्तार किए जाने से कुछ घंटे पहले मीडिया से बातचीत में कारा-मुर्जा ने आरोप लगाया था कि रूस “हत्यारों के शासन” द्वारा चलाया जा रहा है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था.
मुर्जा को विवादित भाषण के लिए अरेस्ट किया था
ये नहीं उन्होंने अपने ऊपर चल रहे केस की तुलना शो ट्रायल से की. कारा-मुर्जा ने हाल में ही रूस की यूक्रेन में की गई कार्रवाई की आलोचना की थी. मुर्जा के इस भाषण के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. वहीं मुर्जा ने आगे कहा कि मैं अपने राजनीतिक विचारों के लिए जेल में हूं. मैं यह भी जानता हूं कि वह दिन आएगा जब हमारे देश पर अंधेरा छा जाएगा.
सूत्रों के अनुसार सेना को “बदनाम” करने पर वर्तमान में पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है, जबकि इसके बारे में जानबूझकर गलत जानकारी फैलाने पर 15 साल की जेल की सजा हो सकती है.
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