नई दिल्ली । यूक्रेन (Ukraine)के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की(President Volodymyr Zelensky) ने शुक्रवार को भारत (India)पर कच्चे तेल की खरीद(purchase of crude oil) के माध्यम से रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था(Russia’s war economy) को बनाए रखने में मदद करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने भारत से यूक्रेन के चल रहे शांति प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। साथ ही जेलेंस्की ने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत या उसके नेता का सम्मान नहीं करते हैं।
पीएम मोदी के साथ बैठक संपन्न करने के बाद जेलेंस्की ने मीडिया से भी बात की। उन्होंने इस दौरान कहा, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा की शुरुआत के साथ ही यूक्रेन के सबसे बड़े बच्चों के अस्पताल पर रूस द्वारा किए गए हमले से यह स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत या उसके नेता का सम्मान नहीं करते हैं।
जेलेंस्की ने कहा, ”भारत का वैश्विक प्रभाव है। रूसी अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रभाव है। रूस से कई देशों ने तेल खरीदना बंद कर दिया था, लेकिन भारत का बाजा खुला है।” ज़ेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने रूस से भारत की तेल खरीद के बारे में मोदी के साथ खुलकर बात की। इससे रूस को अरबों डॉलर की आय हो रही है, जो रूस की सेना को वित्तपोषित करने में मदद करती है।
वहीं, युद्धरत यूक्रेन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक कहा कि हम पहले दिन से तटस्थ नहीं थे, हमने एक पक्ष लिया है और हम शांति के लिए दृढ़ता से खड़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से युद्ध के अंत के लिए रूस के साथ बैठकर बात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत युद्ध का अंत कराने में दोस्त की भूमिका निभाएगा। शुक्रवार को दोनों नेताओं की बैठक के बाद संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे कीव शांति का संदेश लेकर आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर समस्या का हल वार्ता और कूटनीति से संभव है। दोनों देश जल्द से जल्द जैसे ही मौका मिलता है एकसाथ बैठें और विवाद को सुलझाकर शांति स्थापित करें। उन्होंने कहा कि हमें इस दिशा में बिना समय बर्बाद किए आगे बढ़ना चाहिए। दोनों पक्ष साथ बैठकर इस संकट से निकलने का समाधान तलाशें। मैं आश्वासन देता हूं कि भारत शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने को तैयार है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि अगर मैं इसमें कोई व्यक्तिगत तौर पर अहम भूमिका निभा सकता हूं तो वो भी दोस्त के तौर पर निभाने को तैयार हूं। इसके बाद दोनों नेताओं ने कहा कि ये दौरा ऐतिहासिक है और सभी के लिए अहम है। दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के दौरान कृषि समेत चार क्षेत्रों को लेकर समझौता भी हुआ है।
यूक्रेनी की शर्तों पर शांति को प्राथमिकता
यूक्रेन ने अपने बयान में कहा कि युद्ध का अंत और शांति ही प्राथमिकता है लेकिन रूस की नहीं यूक्रेन की शर्तों पर। यूक्रेन लगातार इस बात को दोहराता भी रहा है। यूक्रेन ने कहा, अगले साल दूसरा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करने की तैयारी है। वे चाहेगा कि रूस भी इसमें शामिल हो। पिछला सम्मेलन जून में स्वीट्जरलैंड में हुआ था जिसमें रूस और चीन ने प्रतिभाग नहीं किया था।
जेलेंस्की को गले लगाया, फिर कंधे पर रखा हाथ
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से सबसे पहले हाथ मिलाया। इसके बाद गले लगा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखा। दोनों नेताओं की मुलाकात की ये तस्वीर वायरल हो गई। जेलेंस्की के कंधे पर मोदी के हाथ को इस बात का संकेत कहा जा रहा है कि वे विश्वास रखें, जल्द शांति बहाली होगी।
बच्चों के खिलौने देख भावुक हुए मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कीव स्थित राष्ट्रीय ऐतिहासिक संग्रहालय में युद्ध में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी वहां रखे बच्चों के खिलौने देख भावुक हो गए। बच्चों की याद में प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक गुड़िया रखी। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के हर देश के बच्चों को जीने का हक है, युद्ध से सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को होता है। इस दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति भी उनके साथ थे।
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