रूसिया। रूसी-यूक्रेन (Russian-Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध के नतीजे और भयानक होते जा रहे हैं। इस युद्ध में न रूस झुक रहा और न युक्रेन पीछे हट रहा। दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। इसी बीच रूसी सेना Russian-Ukraine) ने यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र स्थित लुहांस्क प्रांत के अहम शहर पर कब्जा कर लिया है। जबकि यह भी दावा किया रूस Russian-Ukraine) कि यूक्रेन के पूरे डोनबास इलाके पर कब्जा करने के लक्ष्य के करीब पहुंच गया है।
आपको बता दें कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के तीस सदस्य देशों ने स्वीडन व फिनलैंड को नाटो की सदस्यता के लिए हरी झंडी दिखा दी है। इन देशों ने नाटो में स्वीडन व फिनलैंड की स्वीकार्यता संबंधी परिग्रहण मसौदे (एक्सेशन प्रोटोकॉल) पर हस्ताक्षर किए। इससे रूस के राष्ट्रपति राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युक्रेन के साथ-साथ इन देशों को सीधे तौर पर चेतावनी दे दी है।
जबकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से कहा है कि उसे मॉस्को की शर्तों को जल्द से जल्द स्वीकार कर लेना चाहिए या अभी उसे सबसे खराब स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर स्काई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने यूक्रेन को चेताते हुए कहा कि रूस ने तो अभी अपनी कार्रवाई शुरू भी नहीं की है. आपको बता दें कि यूक्रेन 5 महीने से युद्ध का सामना कर रहा है. इस दौरान, करोड़ों यूक्रेनी अपना देश छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं।
रूसी नेता ने पश्चिम देशों पर शत्रुता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वह युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि ‘जितना अधिक समय लगेगा, उनके लिए (पश्चिमी देशों के लिए) हमारे साथ समझौता करना उतना ही कठिन होगा।
पश्चिम समर्थित सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल होने के खिलाफ यूक्रेन को महीनों की चेतावनी के बाद रूस ने इस साल 24 फरवरी को उस पर आक्रमण कर दिया था। मॉस्को ने अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों पर यूक्रेन जैसे छोटे देशों को नाटो में शामिल कर रूसी सीमाओं के बहुत करीब आने, और अपने प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
हालांकि, पश्चिम ने रूस के इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि हर स्वतंत्र देश के पास यह चुनने का विकल्प है कि वह किसी समूह में शामिल होना चाहता है या नहीं. रूस, यूक्रेन पर अपने आक्रमण को एक ‘विशेष सैन्य अभियान’, जिसका उद्देश्य अपने दक्षिणी पड़ोसी देश (यूक्रेन) का विसैन्यीकरण करना और रूसी बोलने वालों (लुहांस्क और डोनबास क्षेत्रों में रहने वाले रूस समर्थक नागरिक) को बचाना है. वहीं, यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों का कहना है कि यह खुलेआम आक्रामकता का एक निराधार बहाना है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र पर कब्जा करना है।
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