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    आजीवन राष्ट्रपति रहने वाले पुतिन, जानिए क्यों छोड़ेंगे अपना पद

  • November 06, 2020

    मास्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे मे सूत्रों ने दावा किया है कि पार्किंसंस (parkinsons) बीमारी की वजह से जनवरी में वह अपना पद छोड़ देंगे। द सन (The Sun) की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी पूर्व जिमनास्ट प्रेमी अलीना काबेवा (Alina Kabaeva ) उनसे सत्ता पर अपनी पकड़ छोड़ने का आग्रह कर रही हैं।

    हाल ही मे एक फुटेज जिसमें पुतिन को लगातार अपना पैर इधर से उधर करते हुए देखे गए है, और द सन के विशेषज्ञों के अनुसार, वह ऐसा लग रहा था जैसे वह दर्द में थे। वीडियो पर चर्चा के बीच, मास्को के राजनीतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर वालेरी सोलोवी (Professor Valery Solovei) ने सुझाव दिया कि पुतिन में पार्किंसंस के लक्षण हो सकते हैं।

    रूस के कानून के के तहत पुतिन जीवन भर के लिए राष्ट्रपति बने रहेंगे। इस नए बिल को खुद पुतिन ने पेश किया था। पुतिन पिछले 20 वर्षों से देश पर शासन कर रहे हैं। उन्होंने 2012 से रूस के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, पहले 1999 से 2008 तक इस पद को धारण किया। वह 1999 से 2000 और फिर 2008 से 2012 तक से प्रधानमंत्री रहे।

    पार्किंसंस रोग क्या है?

    पार्किंसन रोग मस्तिष्क के कुछ भागों में विकार के कारण होता है। इसकी खास पहचान वाले लक्षण हैं: कंपन (ट्रेमर), जकड़न, काम करने में धीमापन, गति में बदलाव, शारीरिक संतुलन (बैलैंस) में दिक्कत। इस रोग को अकसर मोटर डिसॉर्डर या मूवमेंट डिसॉर्डर भी कहा जाता है (हरकत में विकार)।

    पार्किंसन के ऐसे भी कई लक्षण हैं जिन का चलने फिरने या हरकत से सम्बन्ध नहीं है। उदाहरण- मूड के विकार, ध्यान लगाने में समस्या, योजना न बना पाना, याददाश्त की समस्या, दृष्टि भ्रम, पेशाब करने में दिक्कत, सूंघने की काबिलियत खो देना, नींद में समस्या, वगैरह।

    पार्किंसन रोग एक प्रगतिशील विकार हैं। इस के अधिकाँश केस बड़ी उम्र के लोगों में होते हैं, पर यह कम उम्र में भी हो सकता है। इसके लक्षण समय के साथ बिगड़ते जाते हैं। चलने फिरने और शरीर पर नियंत्रण रख पाने की समस्याएँ बहुत गंभीर हो जाती हैं। इस के अलावा अन्य लक्षण भी ज्यादा बढ़ जाते हैं जैसे कि शरीर में दर्द, थकान, और रक्तचाप कम होना। निगलने में दिक्कत होने लगती है, और सही मात्रा में जल और पौष्टिक खाना देना मुश्किल हो जाता है। अग्रिम अवस्था में पार्किंसन से ग्रस्त व्यक्ति डिमेंशिया और डिप्रेशन के शिकार भी हो सकते हैं।

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