नई दिल्ली। चीन में धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन जारी है। शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों की पहचान नष्ट करने के अभियान के बीच अ चीनी अधिकारियों ने ईसाइयों को आदेश दिए हैं कि वह क्रॉस को नष्ट कर दें और अपने घरों से जीसस की तस्वीरें हटाकर उसके स्थान पर कम्युनिस्ट लीडरों की तस्वीर लगाएं।
अनहुई, जियांगसू, हेबेई और झेंजियांग सहित कई प्रांतों के प्रशासन ने चर्चों से हाल ही में जबरन धार्मिक प्रतीकों को नष्ट कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनसार शांक्सी में अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि ईसा मसीह के स्थान पर कम्युनिस्ट लीडरों की तस्वीरें लगाईं जाएं।
उल्लेखनीय है कि शिनजियांग प्रांत में अल्संख्यक उइदर मुसलमानों को मजबूर करने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के चलते चीन पहले ही विश्व जगत के निशाने पर है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने पहले ही यहां लाखों लोगों को बंद करके रखा हुआ है। इसके बावजूद दुनिया भर के मुसलमानों का नेता बनने को लालायित पाकिस्तान ने एक भी बार चीन से आग्रह नहीं किया कि उइगर मुसलमानों पर रहम दिखाए, चीन की निंदा करना तो उसके वश की बात ही नहीं है।
यह यह भी उल्लेखनीय है हुआएनन प्रांत में धार्मिक मामलों के प्रभारी अधिकारियों ने शिवान क्राइस्ट चर्च में क्रॉस को नष्ट करने के लिए धावा बोल दिया था। इसके बाद वहां पर लाखों लोग एकत्रित हुए और उन्हें रोका। साथ ही क्रॉस को नष्ट करने के लिए लाए गए बुलडोजर को भी वापस भेजने को मजबूर कर दिया था।(हि.स.)
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