मुंबई। साउथ सुपरस्टार सूर्या (Surya) की फिल्म ‘कंगुवा’ (Kanguva) को इसके तेज बैकग्राउंड म्यूजिक (Background Music) के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसका असर इसके बॉक्स ऑफिस (Box Office) कलेक्शन पर भी पड़ा। अब इस फिल्म की गलियों से ‘पुष्पा 2: द रूल’ (‘Pushpa 2: The Rule’) के निर्माताओं ने बड़ी सीख ली है और अब वे अपनी फिल्म के म्यूजिक को लेकर बड़ा कदम उठा रहे हैं। दरअसल, ऑस्कर विजेता साउंड डिजाइनर रेसुल पुकुट्टी (Resul Pookutty) ने हाल ही में ‘कंगुवा’ की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसका सामना इसके लाउड बैकग्राउंड स्कोर के कारण हुआ।
अब, जब ‘पुष्पा 2’ का दमदार ट्रेलर रिलीज हो गया है तो रेसुल ने एक बार फिर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर जाकर सिनेमाघरों से अनुरोध किया कि वे रिलीज के लिए समय रहते स्पीकर व्यवस्थित कर लें। पुष्पा 2 के निर्माताओं ने आखिरकार 17 नवंबर को पटना में एक भव्य लॉन्च इवेंट में ट्रेलर का अनावरण किया और ट्रेलर के रिलीज होते ही इसे दर्शकों की दमदार प्रतिक्रिया मिली।
‘पुष्पा 2’ के लिए साउंड डिजाइनर के रूप में काम करने वाले रेसुल ने अपने एक्स हैंडल पर एक नोट लिखा है, जिसमें थिएटरों से अनुरोध किया गया है कि वे ट्यून एम्प्स और स्पीकर्स को व्यवस्थित करें, ताकि पुष्पा 2 का हश्र ‘कंगुवा’ जैसा न हो। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज पुष्पा 2 का ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही कई स्तरों पर यह काफी व्यस्त रहा है। मैं सभी फिल्म प्रेमियों और प्रशंसकों से कहना चाहता हूं कि पुष्पा 2 को मानक डॉल्बी लेवल 7 पर मिक्स किया जाएगा। मैं सभी थिएटरों से अनुरोध करता हूं कि वे समय रहते एम्प्स और स्पीकर्स को ट्यून कर लें।’
गुरुवार को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर रेसुल ने ‘कंगुवा’ की ट्रोलिंग पर भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने लिखा था, ‘फिल्म की आलोचना इसके अत्यधिक वॉल्यूम, लाउड डायलॉग और म्यूजिक के लिए की जा रही है, जो पूरे अनुभव को खराब कर देता है, जिससे यह सिनेमाघरों में सबसे लाउड फिल्मों में से एक बन गई है।’ पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में एक लंबा नोट लिखा कि कैसे उनके एक दोस्त ने उन्हें दर्शकों की एक क्लिप भेजी, जिसमें वे साउंड की आलोचना कर रहे थे।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘मेरे एक मित्र, जो री-रिकॉर्डिंग मिक्सर हैं, उन्होंने मुझे यह क्लिप भेजी है, हमारी लोकप्रिय फिल्मों में ध्वनि के बारे में इस तरह की समीक्षा देखना निराशाजनक है। हमारी कला और शिल्प ध्वनि युद्ध में फंस गए हैं… किसे दोष देना है? साउंड मैन को? या फिर आखिरी समय में सभी असुरक्षाओं को शांत करने के लिए अनगिनत सुधार किए जाते हैं। अब समय आ गया है कि हमारे समुदाय को अपनी बात पर अड़ा रहना चाहिए और अपनी बात को जोर से और स्पष्ट रूप से कहना चाहिए। अगर दर्शकों को सिर दर्द की शिकायत है तो कोई भी फिल्म दोबारा देखने लायक नहीं रहेगी।’
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