चंडीगढ़: कर्ज में डूबी पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को अपने थर्मल प्लांटों को चलाने के लिए आयातित कोयले की खरीद के लिए और भारी खर्च करना होगा, क्योंकि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने पंजाब और अन्य राज्यों को कोयला आयात करने की सलाह दी है. कोल इंडिया लिमिटेड ने कोयले की बढ़ती मांग को पूरा करने में असमर्थता जताई है.
ऑल-इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने दावा किया है कि घरेलू और आयातित कोयले के बीच न्यूनतम लागत अंतर लगभग 13,500 रुपये प्रति टन होगा. उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सभी प्लांट्स के लिए 6 लाख टन कोयले का आयात करता है तो उसे लगभग 800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा. पंजाब को धान सीजन के दौरान मांग को पूरा करने के लिए 6 लाख टन कोयले का आयात करना पड़ सकता है. इसकी कीमत राज्य को 15,000 रुपये प्रति टन से अधिक होगी.
गुप्ता ने कहा कि स्वदेशी कोयले की कीमत लगभग 5,500 रुपये प्रति टन है. इंडोनेशिया से आयातित कोयले की कीमत करीब 200 डॉलर प्रति टन (15000 रुपये) है. गुजरात के बंदरगाह से पंजाब के लिए 3,300 रुपये प्रति टन परिवहन शुल्क जोड़ें तो यह बहुत ही महंगा होगा.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बिजली मंत्रालय ने सभी राज्य उपयोगिताओं को यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि विदेशी विक्रेता आवंटित स्टॉक का 50 प्रतिशत 30 जून तक और अन्य 40 प्रतिशत अगस्त तक और शेष 10 प्रतिशत अक्टूबर तक वितरित करें. बढ़ती मांग के मद्देनजर राज्यों द्वारा अपनी थर्मल इकाइयों को चलाने के लिए अधिक कोयले की मांग के मद्देनजर यह सलाह दी गई है.
पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वित्तीय संकट को देखते हुए कोयला आयात करना कठिन प्रस्ताव होगा. उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ राज्यों ने पहले ही निविदाएं जारी कर दी हैं, हम जल्द ही कोयला आयात करने पर फैसला करेंगे. इस साल पंजाब में बिजली की अधिकतम मांग 16,000 मेगावाट को पार करने की संभावना है, जबकि पिछले साल 15,000 मेगावाट की मांग को पूरा करने में राज्य विफल रहा था.
सीएम भगवंत मान की हर घर में प्रति माह 300 मुफ्त यूनिट की घोषणा से राज्य सरकार के वार्षिक बिजली सब्सिडी बिल में लगभग 2,000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. फिलहाल पीएसपीसीएल पर 4,000 करोड़ रुपये का घरेलू सब्सिडी बिल है. मान की घोषणा के साथ, बिल बढ़कर 6,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है. सरकार पर पहले से ही निगम का 7,000 करोड़ रुपये बकाया है.
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