चंडीगढ़ (Chandigarh)। पंजाब (Punjab) में होने वाले G-20 के कार्यक्रम (G-20 Program) के मद्देनजर राज्य की पुलिस (state police) सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद (Tight security system) करने में जुटी है. पंजाब पुलिस इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सुरक्षा की दृष्टि से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है, जिसके तहत एक विशेष ऑपरेशन ‘ओपीएस सील-2’ (Special Operation ‘OPS SEAL-2’) चलाया गया. इसमें सभी पंजाब के सीमावर्ती राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों की गहन जांच की गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) के विजन के अनुसार पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर राज्य की सभी अंतर-राज्यीय सीमाओं पर ऑपरेशन चलाया गया।
बाहर से आने वाले वाहनों की हुई चेकिंग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए 1500 से ज्यादा पुलिस कर्मियों ने काम किया. जिसमें कि 112 मजबूत नाके बनाए गए जो कि 10 जिलों के सभी प्रवेश/निकास बिंदुओं पर डीएसपी की देखरेख में स्थापित किए गए थे. यह पुलिसकर्मी हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान और हरियाणा के बॉर्डर पर तैनात रहे और बाहर से आने वाले वाहनों की तलाशी ली. राज्य के 10 अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मनसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल हैं।
इस ऑपरेशन को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक एक साथ चलाया गया और सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को राजपत्रित की देखरेख में सीलिंग बिंदुओं पर मजबूत ‘नाके’ लगाने के लिए इस ऑपरेशन के लिए अधिक से अधिक संख्या में अधिकारियों को जुटाने के लिए कहा गया।
300 वाहनों के काटे चालान तो 39 जब्त
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कानून व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रवेश करने वाले 5669 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 300 का चालान किया गया और 39 को जब्त किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस ने 21 एफआईआर भी दर्ज की हैं और एक घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा, पुलिस टीमों ने 3 किलो चूरा पोस्त, 3.8 किलो अफीम, 140 ग्राम हेरोइन और दो अवैध हथियार बरामद किए हैं।
क्या था इस ऑपरेशन का उद्देश्य?
इस ऑपरेशन का उद्देश्य राज्य में अवैध हथियारों, गोला-बारूद, ड्रग्स और अवैध शराब की आमद को रोकने के अलावा, गैंगस्टरों और असामाजिक तत्वों के आंदोलन पर निगरानी रखना था।
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