चंडीगढ़। देश एक ओर जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की किल्लत से जूझ रहा है, वहीं पंजाब(Punjab) के चमकौर साहिब के नजदीक भाखड़ा नहर (Bhakra Canal) से हजारों की संख्या में रेमडेसिविर ( Thousands of Remdesivir Injection )और चेस्ट इंफेक्शन (Chest Infection) के इंजेक्शन(Injection) बरामद किए गए हैं. इनमें सरकार को सप्लाई किए जाने वाले 1456 इंजेक्शन(Injection), 621 रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) व 849 बिना लेबल के इंजेक्शन(Injection) भी शामिल हैं. हालांकि इंजेक्शन(Injection) के असली या नकली होने की पुष्टि नहीं हो पाई है.
खबरों के मुताबिक रेमडेसिविर इंजेक्शन पर एमआरपी 5400 रुपए व मैन्युफैक्चरिंग डेट मार्च 2021 और एक्सपायरी डेट नवंबर 2021 लिखी है. सेफोपेराजोन इंजेक्शन पर मैन्युफैक्चरिंग डेट अप्रैल 2021 व एक्सपायरी डेट मार्च 2023 अंकित है. चौंकाने वाली बात यह है कि इन टीकों पर फॉर गवर्नमेंट सप्लाई नॉट फॉर सेल भी लिखा हुआ है. गौरतलब है कि देश में रेमडेसिविर और चेस्ट इंफेक्शन के इंजेक्शनों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है. पंजाब में भी रेमडेसिवीर और अन्य दवाओं की कमी चल रही है. ऐसे में सरकार को सप्लाई होने वाले इंजेक्शन भाखड़ा नहर में मिलना सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान छोड़ते हैं. हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh) ने कहा है कि राज्य ऑक्सीजन, टैंकरों, वैक्सीन और दवाओं की कमी के अलावा वेंटिलेटर फ्रंट पर भी जूझ रहा है क्योंकि भारत सरकार द्वारा प्राप्त 809 वैंटीलेटरों में से 108 को स्थापित करने के लिए कोई भी बी.ई.एल. इंजीनियर नहीं है. वह बीते माह से कई बार केंद्र को इस बारे में पत्र भी लिख चुके. जबकि इसी दौरान सूबे में दवाओं की खेप नहर से मिलना इस बात को दर्शाती है कि सरकार की नाकामी से दवाएं बर्बाद हो रही हैं.