चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी सियासी उथल-पुथल के बीच नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu ) ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) से मुलाकात की। उधर कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में अमित शाह और एनएसए अजित डोभाल से मिलने के बाद पंजाब वापस लौट गए हैं। इस बीच अकाली दल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने प्रदेश में रबर स्टैंप सीएम बनाया है।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि पंजाब के डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदला जाएगा. पंजाब के नए डीजीपी के लिए UPSC पैनल की सिफारिश की जाएगी. बड़े फैसलों के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनेगी. इसमें सिद्धू, चन्नी और हरीश चौधरी होंगे. हर हफ्ते तीन सदस्यीय कमेटी की मीटिंग होगी, सभी बड़े फैसले ये कमेटी ही करेगी।
मैं सिद्धू को जीतने नहीं दूंगा- कैप्टन अमरिंदर
दिल्ली से चंडीगढ़ पहुंचे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘मैं अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं हूं. नवजोत सिंह सिद्धू जहां से भी लड़ेंगे मैं उन्हें जीतने नहीं दूंगा.’ कैप्टन ने कहा कि अफसरों को हटाने के फैसले मुख्यमंत्री लेते हैं. जो हाल सिद्धू ने बना दिया ऐसा हाल पहले कभी नहीं हुआ।
2 घंटे तक चली चन्नी और सिद्धू की मुलाकात
पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब भवन पहुंचे। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच करीब 2 घंटे तक मुलाकात चली. सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में सिद्धू अपनी मांगों पर अड़े रहे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने का किया ऐलान
पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने बड़ा बयान दिया है और साफ कर दिया है कि अब वह कांग्रेस पार्टी में नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि, ‘मैं अपमान नहीं सहूंगा. मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं. जैसा बर्ताव मेरे साथ किया गया वो ठीक नहीं है.’ कांग्रेस छोड़ने को लेकर स्थिति साफ करने के बाद कैप्टन ने यह भी कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में भी नहीं जाएंगे।
सिद्धू को मनाने की कोशिश
कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को नाराज सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. सूत्रों के मुताबिक-पंजाब के एडवोकेट जनरल और डीजीपी बदले जा सकते हैं. सिद्धू ने इन दोनों की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे।
कैप्टन के बीजेपी में आने से फायदे
BJP किसानों के मुद्दे पर रास्ता तैयार कर सकती है. कैप्टन के BJP में आने से पंजाब में बीजेपी को बड़ा चेहरा मिल जाएगा. अगर ऐसा होता है तो पंजाब में बीजेपी खुद के दम पर पार्टी खड़ी कर लेगी. अमरिंदर की राष्ट्रवादी छवि का फायदा भी BJP को मिलेगा।
BJP में क्यों जा सकते हैं अमरिंदर सिह?
इस मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव से पहले नई पार्टी लॉन्च करना मुश्किल है जबकि बीजेपी में जाने से कैप्टन को मजबूत सियासी ठिकाना मिल जाएगा. बीजेपी के सियासी ढांचे में अमरिंदर सिंह फिट बैठते हैं।
शाह-कैप्टन की मुलाकात
अमित शाह से मुलाकात के बाद पंजाब के पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने अमित शाह से आग्रह किया है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देकर पिछले 10 महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे का समाधान किया जाए।
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