नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली (Delhi) का दम घुट रहा है और इसी बीच पराली जलाने (stubble burning) की घटनाओं को लेकर पंजाब सरकार (Punjab Government) घिरती नजर आ रही है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि पंजाब में ही खेतों में आग लगाए जाने की 93 प्रतिशत मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर बुधवार को ही हुई कैबिनेट सचिव ने राज्य के अधिकारियों का साथ बैठक की है। मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से खेतों की आग को रोकने के लिए कहा था।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘… इस साल खेतों में आग की 93 फीसदी घटनाएं पंजाब में हुईं, जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर गैस चेंबर बन गया। क्योंकि आम आदमी पार्टी किसानों को विकल्प मुहैया कराने में असफल रही है। यह आप आदमी पार्टी की ओर से शासन की आपराधिक विफलता है।’
पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य के अधिकारियों से आग की घटनाओं को रोकने के लिए ‘प्रभावी कदम’ उठाने के लिए कहा है। साथ ही कलेक्टरों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और एसएचओ की जिम्मेदारियां तय करने के लिए कहा है। शीर्ष न्यायलय ने कैबिनेट सचिव को अधिकारियों का साथ बैठक करने और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
पंजाब के आंकड़े
पर्यावरण मंत्री यादव ने पंजाब में पराली की घटनाओं से जुड़े आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने ‘X’ पर बताया कि मौजूदा धान की कटाई के मौसम में कुल 24 हजार 695 पराली जलाने के मामले सामने आए। इनमें से 22 हजार 981 या 93% सिर्फ पंजाब से ही हैं। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘2018 से लेकर अब तक केंद्र पंजाब को क्रॉप रेसीड्यू मैनेजमेंट मशीनों के लिए 1426.41 करोड़ रुपए दे चुका है।’
आगे की तैयारी
बुधवार को हुई बैठक में अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा में 90 फीसदी कटाई हो चुकी है। जबकि, पंजाब के मामले में यह आंकड़ा सिर्फ 60 प्रतिशत है। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि कुछ और दिनों तक आग की घटनाएं देखने को मिल सकती हैं। खबर है कि CAQM यानी कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट अब पंजाब और हरियाणा में उड़नदस्ते भेजेगा और रोज रिपोर्ट भी सौंपेगा।
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