चंडीगढ़। नोटिस के बाद भी सरकारी आवास खाली नहीं करने वाले पंजाब (Punjab) के आठ पूर्व विधायकों (eight former legislators) के खिलाफ पंजाब विधानसभा अध्यक्ष (Punjab Assembly Speaker) ने केस दर्ज कराने के आदेश (order to file a case) दिए हैं। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने कुछ नरमी बरतते हुए ऐसे पूर्व विधायकों को एक और नोटिस भेजने को भी कहा है, जिसके तहत इन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए और 15 दिन का मौका मिल जाएगा।
यदि इन 15 दिन में पूर्व विधायकों ने सरकारी आवास खाली नहीं किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व विधायकों के रवैये पर नाखुशी जताते हुए इसे सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जे की संज्ञा दी है और इस आरोप के तहत केस दर्ज करने की तैयारी शुरू करवा दी है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सरकार के जाने के बाद उस समय के सभी विधायकों को पंजाब सरकार की ओर से चंडीगढ़ में सस्ते किराए पर मुहैया कराए गए सरकारी फ्लैट लौटाने थे। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से फ्लैट खाली न करने वाले विधायकों को नोटिस भी भेजे गए। अंतिम नोटिस 10 मार्च 2022 को भेजा गया था, जिसमें इन विधायकों को नोटिस मिलने के 15 दिन में फ्लैट खाली करने को कहा गया था।
इन विधायकों ने नहीं छोड़े आवास
सरकारी आवास नहीं छोड़े जाने वालों में बिक्रम सिंह मजीठिया, कुलबीर सिंह जीरा, गुरप्रताप सिंह वढाला, गुरप्रीत सिंह जीपी, सतकौर कौर, अंगद सिंह, सुखपाल सिंह भुल्लर और रमिंदर सिंह आवला शामिल हैं। इनमें बिक्रम सिंह मजीठिया इन दिनों प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें मिला हुआ फ्लैट, इस बार विधायक चुनी गई उनकी पत्नी गनीव कौर के नाम पर ट्रांसफर हो जाए।
विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा की ओर से इन विधायकों को आखिरी मौके के रूप में भेजे जा रहे नोटिस में चेतावनी दी जा रही है कि अगर तय समय में उन्होंने फ्लैट खाली न किए तो केस दर्ज किए जाएंगे।
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