चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) के आढ़ती (procurement) किसानों के समर्थन (support of farmers) में 19 मार्च को खरीद मंडियां बंद (mandi to shut down) रखेंगे। फेडरेशन ऑफ़ आढ़ती एसोसिएशन ऑफ़ पंजाब की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक के दौरन आढ़तियों ने कहा कि वे केंद्र सरकार की बात नहीं मानेंगे और किसानों को फसल की अदायगी आढ़तियों द्वारा ही होगी और इस बात से किसान भी सहमत हैं।
राज्य के आढ़तियों और संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक 17 मार्च को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर होगी। जहा अन्य निर्णयों के साथ ही इसकी औपचारिक घोषणा भी की जाएगी। फेडरेशन की 31 सदस्यीय कमेटी की बैठक में अध्यक्ष विजय कालड़ा की अध्यक्षता में हुई जिसमें जिला और मंडियों के अध्यक्ष भी शामिल हुए। बैठक में 19 मार्च को किसानों के समर्थन में राज्य की मंडियां बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल भी मौजूद थे जिन्होंने 17 मार्च की किसान-आढ़ती बैठक की पुष्टि की है।
फेडरेशन की बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि केंद्र सरकार के ऐसे निर्णय से पंजाब की बेहतरीन मंडीकरण प्रणाली और आढ़ती-किसान संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है। इसी के मद्देनजर आगामी फसल की खरीद पर विचार करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 22 मार्च को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें वित्त मंत्री, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री, खरीद एजेंसियों के अधिकारी और आढ़ती नेता विजय कालड़ा भी शामिल होंगे।
कालड़ा ने कहा कि इस बैठक में मुख्यमंत्री को वो वायदा स्मरण करवाया जाएगा जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों और आढ़तियों के हित सुरक्षित रखे जाएंगे। बैठक में 26 मार्च को किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान को भी सहयोग दिया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा आढ़तियों से जो किसानों के बैंक खाते और भूमि का विवरण मांगा जा रहा है, वो कभी जाएगा।अगर केंद्र ने पंजाब को अपनी बात मनवाने के लिए मजबूर किया तो किसानों-आढ़तियों और मजदूरों के साथ एक रैली करके बड़ा निर्णय लिया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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