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    Punjab: चुनावी तैयारियों के बीच नशे का मुद्दा फिर चर्चा में, क्या दोहराएगा SAD-BJP का इतिहास?

  • February 16, 2022

    चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव 2017 (Punjab Assembly Election 2017) के दौरान राज्य में ‘चिट्टा’ या नशे की परेशानी के चलते भारतीय जनता पार्टी-शिरोमणि अकाली दल (Bharatiya Janata Party-Shiromani Akali Dal) (BJP-SAD) ने नाराजगी का सामना किया था। अब वही खतरा 2022 चुनाव के दौरान कांग्रेस पर भी मंडरा रहा है। विधानसभा चुनाव के बीच राज्य में एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि सुरक्षा दलों ने राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 325 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए हैं।


    पिछले विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले ही रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में राज्य में नशे की स्थिति का जिक्र किया गया था। खास बात है कि इस फिल्म की शूटिंग भी भिखीविंड के नजदीक गांवों में हुई थी। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का गवाह बना अल्गोन कोठी गांव भिखीविंड से थोड़ी दूर खेमकरान रोड पर स्थित है। बातचीत में सूबेदार गुरुचरण सिंह (रिटायर्ड) बताते हैं कि गांव अब ड्रग्स के खिलाफ जंग लड़ रहा है।

    उन्होंने कहा, ‘हमारे गांव के सबसे अच्छे परिवारों में से एक ने हाल ही में ड्रग्स की लत के चलते दो बेटों को खो दिया। जब स्थानीय कांग्रेस नेता परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने पहुंचा, तो युवाओं की मां ने दुख में नाराजगी दिखाना और गांव में ड्रग्स लाने के आरोप लगाने शुरू कर दिए. परिवार ने अब एक और बेटे को इस प्रकोप से बचाने के लिए दूर भेज दिया है।’ ड्रग्स की लत के शिकार अन्य लोगों को घर दिखाते हुए सिंह कहते हैं, ‘हमने प्रकोप के लिए अकालियों को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन उन्हें गए हुए भी पांच साल हो गए. कांग्रेस शासन में थोड़ा बदलाव हुआ है. हम क्या करें।’

    रिपोर्ट के अनुसार, गांव में सेना और CAPF से रिटायर्ड जवान काफी संख्या में हैं. उन्होंने ड्रग्स को गांव से बाहर निकालने के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है, क्योंकि इसे लेकर पंचायत कुछ नहीं कर पा रही. गांव में दुकान चलाने वाले रिटायर्ड डाक कर्मचारी नछत्तर सिंह कहते हैं, ‘वे घर धन्य हैं, जिनके बच्चे सेना या सुरक्षाबलों में सेवाएं दे रहे हैं. वे ड्रग्स से सुरक्षित हैं।’

    भिखीविंड में ड्रग्स की लत छुड़ाने के लिए एक नया सेंटर तैयार हुआ है. हालांकि, नशे की समस्या से जूझते इस इलाके के सेंटर में केवल पांच बिस्तर ही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, रिसेप्शन पर मौजूद एक युवा ने जानकारी दी कि यह सेंटर मार्च के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा, क्योंकि डॉक्टर राजस्थान से यहां पहुंच रहे हैं।

    पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का सत्ता संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद ड्रग्स कारोबार खत्म करने का वादा अब कांग्रेस सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। अमृतसर में एक सफाई कर्मचारी दलीप सिंह ने कहा, ‘की कर लेया कैप्टन ने ते की कर लेया चन्नी ने? मेरे इलाके में 350 रुपये में चिट्टा की एक टैबलेट उपलब्ध है. मैंने लत के चलते अपने सहकर्मी का जीवन बर्बाद होते हुए देखा है. उसने ड्रग्स के लिए पैसे जुटाने के लिए मेरी मोटरबाइक भी चुरा ली।’

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस करुणा राजू के मुताबिक, EC के दलों ने 30 करोड़ रुपये की अवैध शराब जब्त की है और पूरे राज्य में शराब, ड्रग्स और नकदी की जांच के लिए 28 हजार नाके संचालित किए जा रहे हैं. हालांकि, शहरवासी और ग्रामीण दावा करते हैं कि ड्रग्स और शराब अभी भी आसानी से मिल रही है. अमृतसर के एक युवा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मैं आपको उस जगह ले जा सकता हूं, जहां आप इसे आसानी से खरीद सकते हैं।’

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