नई दिल्ली: पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था को बनाने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दिनों कई बड़े कदम उठाए हैं. यहां का गन कल्चर काफी बढ़ गया था जिसके बाद सरकार ने पंजाबी गानों और फिल्मों में असलहों का खुलेआम प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी थी. अब डीजीपी ने भी अल्टीमेटम जारी किया है. इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया से 72 घंटे के अंदर आपत्तिजनक कंटेट को हटा लें वरना पुलिस मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करेगी.
पंजाब पुलिस डीजीपी की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि सभी से अपील है कि अगले 72 घंटों में स्वेच्छा से अपने सोशल मीडिया हैंडल से किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को हटा दें. सीएम पंजाब ने निर्देश दिया है कि पंजाब में अगले 3 दिनों तक हथियारों के महिमामंडन के लिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी. ताकि लोग खुद ऐसे कंटेट को हटा लें. तीन दिन बाद अगर सोशल मीडिया पर ऐसी कोई चीजें सामने आईं तो फिर पुलिस कड़ा एक्शन लेगी. पंजाबी गानों और फिल्मों में असलहों और नशे का खुलेआम प्रदर्शन किया जाता है. इसकी वजह से भी क्राइम में बढ़ोत्तरी हुई है.
Appeal to Everyone to voluntarily remove any objectionable content from their Social Media handles in the next 72 hours.
CM Punjab has directed that no FIRs for glorifying weapons will be registered for the next 3 days in Punjab to allow people to remove content on their own. pic.twitter.com/JwkrYVhN3N
— DGP Punjab Police (@DGPPunjabPolice) November 26, 2022
पंजाब ने 10 साल के बच्चे के खिलाफ दर्ज की FIR
पंजाब में अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने 10 साल के एक लड़के और उसके पिता समेत चार लोगों के खिलाफ गन कल्चर महिमामंडन आरोप में मामला दर्ज किया था. हालांकि बाद में यह पता चलने पर कि वह एक खिलौना बंदूक थी. बाद में FIR रद्द कर दी गई. कथूनंगल पुलिस थाने में बुधवार को यह मामला दर्ज किया गया था. लड़के के पिता ने फेसबुक पेज पर अपने बेटे की एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें बच्चा कंधे पर कारतूस पेटी के साथ बंदूक लिए खड़ा नजर आ रहा था. इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
सरकार ने लगाया प्रतिबंध
राज्य सरकार ने सोशल मीडिया सहित बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले आग्नेयास्त्रों और गानों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा रखा है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (अमृतसर ग्रामीण) स्वप्न शर्मा ने बताया कि एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन यह विशेष रूप से 10 वर्षीय लड़के के खिलाफ नहीं थी. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर कुछ भ्रम हो गया था और जांच के बाद सब स्पष्ट हो गया व पुलिस प्राथमिकी को निरस्त कर रही है.
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