नई दिल्ली। पंजाब रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। मामले में पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पीएम मोदी के यात्रा रिकॉर्ड को पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के संरक्षण में रखा गया है।
पंजाब सरकार ने बताया कि राज्य के अधिकारियों को सात कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। उनसे पूछा गया है कि पीएम की सुरक्षा में चूक मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। इस दौरान पंजाब सरकार ने निष्पक्ष सुनवाई और स्वतंत्र समिति के गठन की मांग की।
केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पीएम मोदी का दौरान अचानक तय नहीं हुआ था। इसके लिए चार जनवरी को रिहर्सल भी हुआ था। पंजाब के उच्चधिकारियों को उनके दौरे के बारे में पूरी जानकारी थी। यह भी पता था कि मौसम खराब हुआ तो पीएम सड़क मार्ग से भी जा सकत हैं।
पीएम के साथ होता है चीफ सेक्रेटरी या डीजीपी
मेहता ने बताया कि पीएम के दौरे में डीजीपी व चीफ सेक्रेटरी या फिर उनका प्रतिनिधि पीएम के साथ चलता है। यह प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है। पीएम की सुरक्षा समन्वय का हिस्सा है। जानकारी के अभाव में पीएम का काफिया रोड ब्लॉक के पास पहुंच गया था। केंद्र ने कैबिनेट सेक्रेटरी, आईबी निदेशक व एसपीजी के आईजी की कमिटी बनाई है।
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