नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनावों (punjab assembly elections) की गहमागहमी के बीच कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने बड़ा फैसला करते हुए दो टूक कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव (punjab assembly elections) लड़ने वाले किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का हिस्सा नहीं होंगे। एसकेएम (SKM) ने शनिवार को यह जानकारी दी है।
दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर कोंडली में बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा नेता युद्धवीर सिंह (United Farmers Front leader Yudhveer Singh) ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि किसान मोर्चा पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों (farmer organizations) से सहमत नहीं है और वे अब मोर्चे का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव में भाग ले रहे संगठन एसकेएम (SKM) का हिस्सा नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के नेता राकेश टिकैत, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Rakesh Tikait, Union Minister Ajay Mishra) को बर्खास्त करने के लिए दबाव बनाने को लेकर 21 जनवरी से तीन दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाएंगे। एसकेएम के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि टिकैत पीड़ितों, जेल में कैद किसानों और अधिकारियों से मिलेंगे। यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो किसान संगठन लखीमपुर में धरना दे सकते हैं।
संगठन ने अपने बयान में यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ‘लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) नरसंहार मामले में भाजपा की बेशर्मी और असंवेदनशीलता’ के खिलाफ एक स्थायी मोर्चा बनाएगा। एसकेएम (SKM) ने कृषि कानूनों के खिलाफ दिसंबर 2021 तक दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन की अगुवाई की थी। सिंह ने यह भी कहा कि एसकेएम पंजाब में चुनाव लड़ रहे किसान संगठनों से सहमत नहीं है और वे अब एसकेएम का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव में भाग ले रहे संगठन एसकेएम का हिस्सा नहीं हैं। हम आगामी दिनों में एसकेएम की बैठक में उनके साथ अपने संबंधों के बारे में फैसला करेंगे।
गौरतलभ है कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा रहे के दो किसान नेताओं गुरनाम सिंह चढूनी और बलबीर सिंह राजेवाल (Gurnam Singh Chaduni, Balbir Singh Rajewal) ने पंजाब में चुनावी मुकाबले में उतरने की घोषणा की है।
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