चंडीगढ़। पंजाब की नई कैबिनेट (Punjab’s new cabinet) के गठन की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) दिल्ली (Delhi) में डेरा डाले हुए हैं। कहा जा रहा है कि नई कैबिनेट का बहुत जल्द एलान संभव है। कई पुराने मंत्रियों को नई कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। हाईकमान और मुख्यमंत्री (High Command and Chief Minister) चन्नी मंत्रियों के नामों पर मंथन कर रहे हैं। शुक्रवार रात को मुख्यमंत्री चन्नी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे। खबरों के मुताबिक शनिवार तक नए मंत्रियों के नामों के फाइनल होने की उम्मीद है। वहीं अगले सप्ताह शपथ ग्रहण होगा।
कांग्रेस नेतृत्व चन्नी को आगे कर चुन रहा है नई टीम
कांग्रेस नेतृत्व पंजाब (Congress Leadership Punjab) में नई कैबिनेट के गठन को लेकर मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी को आगे रखकर ही फैसला ले रहा है। चन्नी को अपनी टीम बनाने की पूरी छूट दी गई है। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) इस कवायद से दूर हैं। उम्मीद है कि शनिवार तक पंजाब के मंत्रिमंडल के नामों पर अंतिम मुहर लग जाएगी।
सब ठीक रहा तो अगले सप्ताह शपथ ग्रहण समारोह होगा। कांग्रेस नेतृत्व चन्नी मंत्रिमंडल के लिए मंत्रियों के नाम थोपने के बजाय उन्हीं के सुझाए पर नामों को लेकर अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श कर रहा है। पंजाब से जुड़े कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के सुझाव भी चयन प्रक्रिया के लिए अहम माने जा रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी की गई और उन्हीं नामों पर पुनर्विचार किया जा रहा है, जिनके साथ काम करने में चन्नी सहज होंगे। नेतृत्व कुछ नए चेहरे भी शामिल करना चाहता है, जो किसी गुट विशेष या विवादों से दूर थे। नेतृत्व का फोकस मंत्रिमंडल का ऐसा चेहरा सामने रखने का है, जिन्हें चुनाव में आगे रखकर चला जा सके। मंत्रियों के लिए क्षेत्रीय और जातीय समीकरण के साथ उनकी जनता में छवि और पृष्ठभूमि को लेकर अधिक सवाल किए जा रहे हैं।
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