नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की पिछले साल जनवरी में पंजाब यात्रा (punjab yatra) के दौरान सुरक्षा में चूक मामले (security lapse cases) में कार्रवाई को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) ने पूर्व डीजीपी एस चट्टोपाध्याय, आईजी इंदरबीर सिंह और एसएसपी हरमनदीप हंस को चार्जशीट करने की मंजूरी दे दी है। ऐक्शन में देरी को लेकर केंद्र की आलोचना के बाद मान ने सोमवार को यह कदम उठाया। पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध का यह मामला जब सामने आया था, उस वक्त चट्टोपाध्याय राज्य के डीजीपी, इंदरबीर फिरोजपुर के डीआईजी और हंस फिरोजपुर के एसएसपी थे। ये सभी अधिकारी प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान ड्यूटी में लापरवाही को लेकर बड़ी पेनल्टी के लिए चार्जशीट होंगे।
चीफ सेक्रेटरी विजय कुमार ने सभी दोषी अधिकारियों को चार्जशीट करने को लेकर फाइल भेजी थी, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने केवल तीन IPS की चार्जशीट को मंजूरी दी। सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को केवल कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा। बाकी अधिकारियों जैसे कि एडीजीपी नरेश अरोड़ा, जी नागेश्वर राव, आईजी एमएस चिन्ना और राकेश अग्रवाल, तत्कालीन डीआईजी सुरजीत सिंह (अब रिटायर्ड) और एसएसपी चरणजीत सिंह को भी कारण बताओ नोटिस जारी होगा। इसमें इनसे पूछा जाएगा कि क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, जैसा कि पीएम की सुरक्षा में सेंध की जांच के लिए जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व वाली 5 सदस्यीय समिति ने सिफारिश दी है।
दोषी अधिकारियों से मांगा जाएगा जवाब
सूत्रों के अनुसार, चीफ सेक्रेटरी ने इंदु मल्होत्रा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रत्येक अधिकारी की भूमिका को लेकर विस्तृत नोट लिखा है। मगर, मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय की सलाह पर केवल तीन आईपीएस को चार्जशीट करने की सिफारिश की। अब गृह विभाग चार्जशीट जारी करेगा और दोषी अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा। जवाब मिलने के बाद अंतिम निर्णय और सजा को लेकर एक जांच अधिकारी की नियुक्ति होगी। मुख्य सचिव ने इसे लेकर पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेज दिया है, जिसने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर पंजाब से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
कार्रवाई में देरी पर केंद्र ने उठाए सवाल
5 जनवरी, 2022 को पीएम मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से जांच समिति नियुक्त की गई थी। इसने अपनी रिपोर्ट 6 महीने पहले ही पेश कर दी थी। यह खामियों के लिए राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और पुलिस प्रमुख एस चट्टोपाध्याय की ओर इशारा करती है। पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार से कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा था, जिसमें दोषी अधिकारियों के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई में देरी को लेकर जवाब मांगा गया था। रिपोर्ट पिछले साल 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार को सौंपी गई थी। इसके बाद सितंबर में इसे आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को भेजा गया, जिसने अभी तक इस पर कार्रवाई नहीं की है।
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