NDA से अलग हुए अकाली तो अमरिंदर ने मारा ताना
नई दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल के एनडीए से बाहर हो जाने के बाद रविवार को बीजेपी ने कहा है कि वो 2022 में पंजाब मं होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 117 सीटों पर लड़ेगी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मदन मोहन मित्तल ने यह भी दावा किया कि अकाली दल के कई नेता बीजेपी में शामिल हो सकते है। उनके अनुसार ये नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। मित्तल ने यह भी कहा कि अगर शिरोमणि अकाली दल अकेले चुनाव लड़ेगा तो वो बहुमत नहीं पा पाएगा। अब इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी है।
मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है, ‘अकालियों के सामने कोई विकल्प नहीं था क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अकाली दल किसानों को कृषि बिल की अच्छाई के बारे में समझाने में विफल रहे हैं। वह ही इसके जिम्मेदार हैं। एनडीए छोड़ने का एसएडी का फैसला सिर्फ झूठ और धोखे की उनकी गाथा की परिणति था, जिसके कारण अंततः उन्हें बिल के मुद्दे पर रोक लगानी पड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सुखबीर सिंह बादल कृषि से जुड़े अध्यादेशों पर अपने प्रारंभिक अप्रत्याशित रुख के बाद ‘कुएं और खाई’ के बीच फंस गए थे। इसके बाद किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अचानक से यू-टर्न ले लिया।’
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के इस फैसले में कोई नैतिक आधार शामिल नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने शिरोमणि अकाली दल के झूठ, ताने-बाने और दोतरफा बोलने के जाल को उजागर किया, अकालियों ने एनडीए के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘अब अकाली खुद को पंजाब के राजनीतिक गलियारों में उलझा हुआ पा रहे हैं। अब उनके पास न केंद्र सरकार का साथ है और ना ही पंजाब में जगह है।
बता दें कि इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 23 सीटों पर और 94 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव लड़ा था। 2019 में राज्य की 13 लोकसभा सीटों में से 10 पर शिरोमणि अकाली दल और अन्य 3 पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा था। पुराने सहयोगियों अकाली दल और बीजेपी के बीच संबंध पिछले साल दिसंबर में तब तनाव में आ गए थे जब अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक की बहस के दौरान बीजेपी का विरोध किया था। शनिवार रात अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एनडीए के साथ संबंधों को खत्म करने के फैसले की घोषणा की। ऐसा पंजाब में किसानों की ओर से संसद में पास किए गए 3 कृषि बिल का विरोध और प्रदर्शन को देखते हुए किया गया था।
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