नई दिल्ली (New Delhi) । पंजाब (Punjab) के बठिंडा (Bathinda) में मिलिट्री स्टेशन (military station) पर हुई फायरिंग (firing) ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं. सवाल इसलिए क्योंकि चार जवानों की मौत हुई है, आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं. और क्योंकि मिलिट्री स्टेशन पर हमला हुआ है, ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से भी चिंता बढ़ी है. आतंकी हमला तो नहीं माना जा रहा है, लेकिन जांच से अभी तक कुछ ज्यादा स्पष्ट भी नहीं हुआ है. अब कैसे इतने बड़े हमले को अंजाम दिया गया? आखिर सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंधमारी कैसे हुई? सभी सवालों के जवाब सिलसिलेवार तरीके से खोजते हैं.
पलक झपकते ही फायरिंग और चार की मौत
असल में बुधवार को पंजाब के बठिंडा में मिलिट्री स्टेशन पर सुबह सुबह हुई फायरिंग से हड़कंप मच गया था. जब तक कोई कुछ समझता, कुछ ही सेकेंड के अंदर सेना के 4 जवानों की मौत हो गई. शुरुआत में कयास लगाया जा रहा था कि, ये आतंकी हमला भी हो सकता है, लेकिन पंजाब पुलिस और सेना ने आतंकी हमले वाला एंगल तुरंत खारिज कर दिया. अब सेना, पंजाब पुलिस और भगवंत मान सरकार मामले की तह तक जाने के लिए हर एंगल से जांच कर रही है. अभी के लिए इस हमले को लेकर सेना के बयान में सिर्फ इतना कहा गया है कि, पंजाब पुलिस के साथ घटना की जांच की जा रही है.
नेता बोले सब काबू में, सुरक्षा में चूक तो हुई!
घटना के बाद आननफानन में इलाके को सील कर दिया गया है. बठिंडा गोलीबारी पर पंजाब सरकार के मंत्री अनमोल गगन मान ने भी कहा कि, ये सेना का आंतरिक मामला है. उन्होंने भी किसी भी तरह की आतंकी वारदात से इनकार किया. वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि हालात पूरी तरह काबू में हैं. अब मंत्री कह रहे हैं कि सबकुछ काबू में है, अधिकारी कह रहे हैं कि आतंकी एंगल नहीं है, लेकिन इस एक हमले से कुछ ऐसे सवाल खड़े होते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
सवाल नंबर 1- जब आतंकी हमला नहीं तो क्या जवानों में आपस में किसी विवाद में फायरिंग हुई?
सवाल नंबर 2- अगर जवानों में फायरिंग तक की नौबत आ गई, तो क्या विवाद लंबे समय से चल रहा था?
सवाल नंबर 3- क्या 2 दिन पहले गार्ड रूम से गायब हुई इंसास राइफल से ही फायरिंग हुई?
सवाल नंबर 4- इंसास राइफल के 28 कारतूस गायब, 19 खाली कारतूस मिले, बाकी 9 कहां हैं?
सवाल नंबर 5- क्या फायरिंग और गायब इंसास राइफल के साथ 28 कारतूस का आपस में कनेक्शन है?
सवाल नंबर 6- क्या सेना के अधिकारियों को मिलिट्री स्टेशन में चल रहे संभावित तनाव की जानकारी थी?
सवाल नंबर 7- अगर हमलावर बाहर से मिलिट्री स्टेशन में दाखिल हुए तो क्या इससे भी बड़ी वारदात हो सकती थी?
मिलिट्री बेस से राइफल कैसे हो गई चोरी?
अब ये सवाल इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले इसी क्षेत्र में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिन्हें सुरक्षा में बड़ा चूक माना जा रहा है. असल में मिलिट्री स्टेशन पर फायरिंग से कुछ दिन पहले एक इंसास राइफल और 28 राउंड कारतूस गायब हो गए थे. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इस घटना में उसी राइफल का इस्तेमाल हो सकता है. वैसे जांच के बाद पुलिस ने अभी तक दो अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है. चश्मदीदों से पता चला है कि दो नकाबपोश आरोपियों ने मिलिट्री बेस में एंट्री की थी. उन आरोपियों की तरफ से फायरिंग भी की गई और कुल्हाड़ी का इस्तेमाल कर जवानों को लहूलुहान भी किया गया. बड़ी बात ये रही कि जब जवान गहरी नींद में सो रहे थे, तब इस हमले को अंजाम दिया गया.
इस हमले के बारे में चश्मदीद देसाई मोहन ने बताया कि उन्होंने दो आरोपियों को गनर्स के रूम से बाहर आते हुए देखा था. वो अपना चेहरा छिपा रहे थे, उन्होंने सफेद रंग का नाइट सूट पहन रखा था. देसाई के मुताबिक उन्हें कुछ गड़बड़ लगी, इसलिए वे तुरंत गनर्स रूम की तरफ भागे, वहां उन्होंने देखा कि चार जवान खून से लथपथ जमीन पर थे.
मिलिट्री बेस पर हमला बड़ी बात, पहले भी भुगत चुका देश
वैसे चिंता का विषय तो ये भी है कि इससे पहले भी मिलिट्री बेस पर हमले हो चुके हैं. ये अलग बात रही कि तब आतंकी कनेक्शन भी सामने आए थे. लेकिन इस बार उस एंगल को ही खारिज किया जा रहा है. पंजाब के पठानकोट में जनवरी 2016 में आतंकी हमला हुआ था. यह हमला जैश ए मोहम्मद ने कराया था. जैश के छह आतंकी पाकिस्तान से भारत की सीमा में घुसे थे. 2 जनवरी को सभी 6 आतंकी असलहा और हथियारों से लैस होकर एयरबेस स्टेशन में दाखिल हुए थे. इन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. इस हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे. जबकि करीब 37 अन्य लोग घायल हुए थे. 65 घंटे चले इस ऑपरेशन में सभी आतंकी मारे गए थे.
इससे पहले पंजाब के गुरदासपुर में जुलाई 2015 में आतंकी हमला हुआ था. आतंकी पाकिस्तान से सीमापार कर गुरदासपुर पहुंचे थे. आतंकियों ने आर्मी यूनिफॉर्म पहनकर पहले जम्मू के कटरा जा रही बस पर फायरिंग की थी. इसके बाद आतंकी दीनानगर पुलिस स्टेशन में घुस गए थे. इस हमले में 12 लोग मारे गए थे. सुरक्षाबलों ने लश्कर के तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया था.
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