मुंबई (Mumbai )। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (Central Bureau of Investigation – CBI) ने शुक्रवार को पुणे (Pune) के अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अनिल गणपतराव रामोद (Anil Ganpatrao Ramod) के परिसरों पर छापेमारी की और करोड़ों रुपये की संपत्ति के दस्तावेजों (property documents worth crores rupees) के साथ छह करोड़ रुपये की नकदी (Rs 6 crore cash) भी जब्त की। इससे पहले, केंद्रीय एजेंसी ने रामोद को आठ लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने रामोद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। रामोद पुणे संभाग में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के पद पर तैनात हैं।
अनिल गणपतराव रामोद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के लिए महाराष्ट्र में पुणे, सातारा और सोलापुर जिलों के मध्यस्थ भी हैं। उन्होंने सातारा और सोलापुर में हाईवे और संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली अपनी जमीन के लिए अधिक मुआवजे की मांग कर रहे किसानों से कथित तौर पर रिश्वत मांगी थी। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी रामोद ने इस मामले को लंबित रखा और जब किसानों ने इस संबंध में उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने बढ़े हुए मुआवजे की राशि का 10 प्रतिशत रिश्वत के रूप में मांगा।
सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि राजमार्ग परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन के लिए 1.25 करोड़ के बढ़े हुए मुआवजे का भुगतान कराने की एवज में रामोद ने किसान से 10 लाख रुपये की मांग की थी और आखिरकार आठ लाख रुपये में समझौता हो गया था। किसान ने मामले की शिकायत सीबीआई से की। सीबीआई ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया और रामोद को आठ लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
छापेमारी में 14 अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद पुणे में रामोद के आधिकारिक आवास और तीन स्थानों पर उसकी निजी संपत्तियों की भी तलाशी ली। इस दौरान छह करोड़ रुपये की नकदी और उनके या उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 14 अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए।
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